मोसूराम ने बताया कि वनभूमि की जमीन खसरा नंबर 711/1 रकबा 0.820 हेक्टेयर पर वह वर्ष 1986 से काबिज है। उक्त जमीन का शोभाराम ने वर्ष 2014 को पटवारी के साथ मिलकर बी-1, नक्शा अवैध कब्जे का बनवा लिया है। मोसूराने का कहना है कि, उक्त प्रकरण में 5 फरवरी 2024 को तहसीलदार के द्वारा शोभाराम का लिखित पक्ष तो लिया गया, लेकिन मेरे द्वारा लिखित तर्क रखने पर इंकार कर दिया। इस तरह एक पक्षीय कार्यवाही कर शोभाराम को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
न्याय नहीं मिलने से क्षुब्द होकर मोसूराम ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन तहसील कार्यालय में किया और इस संबंध में तहीसलदार को भी ज्ञापन सौंपा है। इधर मोसूराम के समर्थन में उसके गांव के ग्रामीण भी तहसील कार्यालय पहुंचकर हौसला बढ़ाया। ग्रामीणों ने कहा कि मोसूराम का परिवार पीढि़यों से यहां रहता है। पहले उसे वन अधिकार पट्टा दिया गया, जिसके बाद उसी रकबा में अन्य के नाम पर पट्टा कैसे बनाकर जालसाजी की गई है। हमारी मांग की है कि मोसूराम के साथ न्याय किया जाए।
Published on:
28 Feb 2024 09:49 pm