ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षणार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति और शत्-प्रतिशत नौकरी दिलाने की गारंटी की शर्त योजना पर भारी पड़ रही है। निजी तो दूर शासकीय कार्यालय तक सामने नहीं आ रहे हैं। जिला प्रशासन भी इससे कोई सरोकार नहीं है। जिले में एक समय जब वीटीपी साल भर में 15 से 20 बैच ट्रेनिंग करवाया करती थी, अब केवल दो से तीन ही बैच को ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वीटीपी सेंटरों की संख्या बढ़ाने होने चाहिए प्रयास
ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण मिले, इसके लिए सबसे जरुरी चीज है कि वीटीपी सेंटरों की संख्या ज्यादा हो, लेकिन इस दिशा में किसी तरह का पहल विगत पांच सालों में होता नजर नहीं आया है। जितने अधिक प्रशिक्षण केन्द्र होंगे, उतने अधिक बैच आयोजित होंगे और ज्यादा युवा प्रशिक्षिण होकर निकलेंगे। प्रशिक्षा केन्द्र कम होने से आने वाले दिनों में और परेशानी हो सकती है, क्योकि वर्तमान में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन भरे जा रहे हैं। इनमें पात्र हितग्राहियों को 18 प्रकार के ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का दौर चलेगा। ऐसे में जाहिर है कि प्रशिक्षण देने में परेशानी होगी।
- जिले के संचालित वीटीपी सेंटर्स
जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज (आवासीय वीटीपी), कृषि विज्ञान केंद्र जगदलपुर बस्तर, गवर्नर कन्या पॉलिटेक्निक जगदलपुर, शासकीय आईटीआई जगदलपुर, केन्द्रीय जेल जगदलपुर, सीजी अंत्यावसायी कोसा केंद्र जगदलपुर, रेशम केंद्र कोकून बैंक कालीपुर, शासकीय आईटीआई भानपुरी, सरकारी. कोसा बीज केंद्र छपरभानपुरी, सरकारी. कोसा बीज केंद्र चपका, धागा करण एकै राजनगर, आईटीआई तोकापाल और दरभा और सीजी अंत्यवसायी व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र आरा बस्तर ही रिजस्टर है। जबिक प्राइवेट वीटीपी में केवल दो संस्थान हैं, जिसमें जेट शिक्षा और कल्याण सोसायटी, बस्तर शहीद पार्क के पास और दूसरा प्रबल आधार सेवा संस्था तिरंगा चौक बोधघाट रोड पर स्थित है।
Published on:
19 Feb 2024 10:50 pm