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जगदलपुर में बन रहा नालंदा परिसर है खास क्योंकि यहां बच्चों के लिए भी लाइब्रेरी

बस्तर के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी के बाद मिलेगी दूसरी नई जगह

जगदलपुर में बन रहा नालंदा परिसर है खास क्योंकि यहां बच्चों के लिए भी लाइब्रेरी
शुक्रवार को नालंदा शिक्षण केंद्र के लिए भूमिपूजन करते जगदलपुर विधायक व अन्य।

जगदलपुर। रायपुर की तर्ज पर शहर में भी नालंदा परिसर बनने जा रहा है। इसे यहां पर नालंदा शिक्षा केंद्र का नाम दिया गया है। शुक्रवार को इसके लिए विधायक किरण देव व अन्य जनप्रतिनिधियों ने भूमिपूजन किया। भाजपा कार्यालय के पीछे वेटनरी पॉलीटेक्टिक के पास खाली पड़ी जमीन पर 9 करोड़ 98 लाख रुपए की लागत से इस दो मंजिला प्रोजेक्ट को तैयार किया जाएगा। रायपुर में बने नालंदा परिसर के मॉडल को यहां अपनाया जा रहा है लेकिन कई ऐसी चीजें जो यहां अलग होंगी। यहां पर बच्चों के लिए अलग से लाइब्रेरी होगी। साथ ही ऑडियो-वीडियो लाइब्रेरी की सुविधा भी युवाओं को मिलेगी। यहां पर रूफ टॉप और गार्डन रीडिंग जोन तैयार किया जाएगा। रायपुर की तुलना में यहां काफी चीजें अलग मिलेंगी। हाता ग्राउंड के सामने स्थित लाला जगदपुरी लाइब्रेरी के बाद शहर में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दूसरा स्थान मिलने जा रहा है। यहां पर एक वक्त में एक हजार लोग बैठ पाएंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए जो नक्शा तैयार किया गया है उसके अनुसार यहां पर युवाओं को काफी खुले माहौल में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। लाला जगदलपुरी लाइब्रेरी में जगह की कमी की वजह से ऐसा नहीं हो पाता था। ओपन सीटिंग स्पेस यहां पर बढ़ाने की कोशिश की गई है।

पूरा प्रोजेक्ट प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए
शहर के सेंट्रल लाइब्रेरी की तरह ही यहां पर भी युवाओं को २४ घंटे पढ़ाई का मौका मिलेगा। रायपुर के नालंदा परिसर में भी यही व्यवस्था है। इसे यहां पर भी लागू किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। यहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को ध्यान में रखकर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। किताबों से लेकर अन्य जरूरी संसाधन इसी बात को ध्यान में रखते हुए जुटाए जाएंगे।

सेंट्रल लाइब्रेरी पर लोड बढ़ा इसलिए यह प्रोजेक्ट
शहर की सेंट्रल लाइब्रेरी को लेकर शहर के युवाओं का रूझान लगातार बढ़ता जा रहा था। यहां पर आने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही थी। सेंट्रल लाइब्रेरी का निर्माण कांग्रेस शासनकाल में किया गया था तो वहीं अब भाजपा अपने शासन में बस्तर के युवाओं को नालंदा परिसर की सौगात देने जा रही है। लाइब्रेरी जाने वाले युवा अब नालंदा परिसर की सुविधाओं के प्रति आकर्षित होंगे। उनकी संख्या यहां पर ज्यादा दिखाई देगी।

रायपुर का नालंदा परिसर इसलिए बना मॉडल
रायपुर के नालंदा परिसर का कॉन्सेप्ट तब के रायपुर कलेक्टर और मौजूदा सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी लेकर आए थे। यह कॉन्सेप्ट पूरे प्रदेश में हिट रहा लेकिन रायपुर के अलावा प्रदेश में कहीं इस मॉडल पर काम नहीं हो पाया। भाजपा की सरकार आते ही अब पूरे प्रदेश में इस कॉन्सेप्ट को लागू किया किया जा रहा है। यह मॉडल इसलिए भी खास है क्योंकि यहां पर जिस तरह का माहौल युवाओं को तैयारी के लिए मिल रहा है वैसा अभी प्रदेश में किसी दूसरी जगह पर नहीं है। ओपन रीडिंग जोन, रूफ टॉप रीडिंग जोन, २४ घंटे की कैंटिन जैसी सुविधा नालंदा परिसर को अलग बनाती हैं।

जगदलपुर के नालंदा परिसर में यह सुविधाएं मिलेंगी
- मल्टीपरपर्स हॉल,
- लक्चर हॉल,
- रीडिंग हॉल,
- डिजीटल लाइब्रेरी,
- वेटिंग रूम,
- छोटे बच्चों की लाइब्रेरी,
- न्यूज पेपर और मैगजीन रीडिंग सेक्शन,
- बुक स्टोर रूम,
- ऑडियो-वीडियो लाइब्रेरी
- रूफ टॉप रीडिंग जोन
- ओपन रीडिंग जोन