Martyr soldiers: बस्तर बदल रहा है। बस्तर से लाल आतंक के निशान मिटते जा रहे हैं। जहां कभी नक्सलियों के लाल स्मारक नजर आते थे वहां अब वीर जवानों के शौर्य के निशान नजर आएंगे। नक्सल मोर्चे पर पिछले 25 साल में 1400 जवान शहीद हो चुके हैं। इन जवानों की शहादत को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने इनकी प्रतिमाएं घर, गांव के आसपास लगाने का निर्णय लिया है। ऐसे 580 जवानों की प्रतिमाएं बनाने का ऑर्डर पहले चरण में दिया जा चुका है।
संगमरमर के पत्थर से जवानों की उजली प्रतिमाएं अब प्रदेशभर में युवाओं को प्रेरित करेंगी। प्रतिमाओं को आंधी, बारिश और धूप से सुरक्षित रखने उसके लिए शेड भी बनाया जाएगा। प्रतिमा के पास पट्टिका लगाकर संक्षिप्त में उनकी वीर गाथा भी लिखी जाएगी, ताकि आने वाली पीढ़ी जवानों के बलिदान व शहदात को जान सके। शहीद जवानों के अलावा नक्सली घटनाओं में मारे गए आम लोगों की भी प्रतिमाएं लगाने का फैसला किया गया है। उनकी भी सूची तैयार की जा रही है।
पिछले 25 साल में 1400 से ज्यादा जवान नक्सल मोर्चे पर शहीद हुए हैं। उनके नाम का जगदलपुर में स्मारक भी बनाया गया है। अब प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। इसमें सिपाही से लेकर आईपीएस रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। जवानों के अलावा अब तक नक्सली घटनाओं में 1851 आम लोगों की मौत हुई है। इसमें से 1623 की नक्सलियों हत्या की है, जबकि 228 लोगों की जान आईईडी ब्लास्ट में गई है। इनकी प्रतिमाएं भी सरकार बनाएगी।
देश के बॉर्डर में दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हुए प्रदेश के जवानों की प्रतिमा भी लगाने की तैयारी कर ली गई है। सरकार अभी उन शहीदों की जानकारी जुटा रही है, जिनकी प्रतिमाएं नहीं बनाई गई है। क्योंकि देश की सरहद पर जान देने वाले कई वीर जवानों के सम्मान पर प्रतिमाएं पहले ही लगाई जा चुकी है। उनके नाम पर निगम के वार्डों का नाम रखा गया है। जिनकी प्रतिमाएं नहीं बनी है, केवल उनकी ही प्रतिमा लगाई जाएगी। एक प्रतिमा बनाने और शेड तैयार करने में करीब 3.14 लाख खर्च किए जाएंगे। इस तरह पूरे प्रदेश में करीब 44 करोड़ खर्च होंगे।
प्रदेश के वीर शहीदों के सम्मान में प्रतिमाएं लगाई जा रही हैं। 580 शहीद परिवारों ने प्रतिमा लगाने की सहमति दे दी है। इससे उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जा सकेगा। आने वाली पीढ़ियां उनके बारे में जान सकेंगी। -विजय शर्मा, गृहमंत्री
Updated on:
03 Aug 2025 09:33 am
Published on:
03 Aug 2025 09:32 am