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पैन कार्ड फ्रॉड का शिकार CRPF जवान! ठगों ने खोली फर्जी कंपनी, IT ने भेजा 10.51 करोड़ों का नोटिस…

CG Fraud News: जगदलपुर जिले में बस्तर के बकावंड ब्लॉक में रहने वाले एक सीआरपीएफ जवान को इनकम टैक्स का 10 करोड़ 51 लाख का नोटिस दिया गया है।

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पैन कार्ड फ्रॉड का शिकार CRPF जवान! ठगों ने खोली फर्जी कंपनी, IT ने भेजा 10.51 करोड़ों का नोटिस...(photo-patrika)

पैन कार्ड फ्रॉड का शिकार CRPF जवान! ठगों ने खोली फर्जी कंपनी, IT ने भेजा 10.51 करोड़ों का नोटिस...(photo-patrika)

CG Fraud News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में बस्तर के बकावंड ब्लॉक में रहने वाले एक सीआरपीएफ जवान को इनकम टैक्स का 10 करोड़ 51 लाख का नोटिस दिया गया है। जवान बस्तर के ही सेड़वा कैंप में पदस्थ है। दरअसल यह पूरा मामला ठगी से जुड़ा हुआ है। अज्ञात ठगों ने जवान के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर उसके नाम पर फर्जी कंपनी खोल दी।

यह कंपनी दो वर्षों में 10 करोड़ 51 लाख रुपये का व्यापार कर चुकी थी। मामला तब सामने आया जब जवान को आयकर विभाग की ओर से नोटिस मिला। इसके बाद सीआरपीएफ जवान ने इसकी जानकारी बकावंड पुलिस को दी जिस पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 318(4) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर पुलिस और साइबर सेल की टीम जांच में जुटी है।

CG Fraud News: पैन कार्ड स्कैम

साइबर सेल प्रभारी डीएसपी गीतिका साहू ने बताया कि बकावंड थाना के ग्राम छिनारी निवासी जवान विशेष कुमार कश्यप जो सेड़वा कैंप में पदस्थ हैं। उन्हें हाल ही में जगदलपुर आयकर विभाग का नोटिस प्राप्त हुआ जिसमें बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में उनके नाम से एक कंपनी ने 10.51 करोड़ रुपये का लेनदेन किया है।

जिसका टैक्स अदा नहीं किया गया है। जवान के मुताबिक उन्होंने कभी कोई कंपनी नहीं खोली और न ही किसी व्यापार में जुड़े हैं। पुलिस के मुताबिक यह साइबर क्राइम से जुड़ा मामला है, जिसमें पहचान छिपाकर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया है।

फर्जीवाड़े के तार पश्चिम बंगाल में

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गीतिका साहू ने बताया कि साइबर टीम की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि कंपनी का रजिस्ट्रेशन पश्चिम बंगाल के एक पते पर हुआ था। कंपनी के दस्तावेज़ों में जवान का नाम, पैन और पता तो दर्ज था, लेकिन मोबाइल नंबर, ईमेल और बैंक विवरण किसी अन्य व्यक्ति के थे।

पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या कंपनी ने किसी ई-मार्केटिंग या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए यह लेनदेन दिखाया था या बैंक खाते के माध्यम से रुपए का लेनदेन हुआ है। फिलहाल पुलिस द्वारा उक्त कंपनी के रजिस्ट्रेशन और बैंक ट्रांजेक्शन की डिटेल मांगाई जा रही है।