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सल्फी और मूंगा नाला से 4 हजार हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित

बस्तर जिले के दरभा और बास्तानार ब्लाक की 4000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा। जिसमें बास्तानार ब्लाक में सल्फी नाला और दरभा ब्लाक के मूंगा नाला से प्रवाहित होने वाले जल के आसपास के एरिया में चेक डेम बनाकर भूमि को सिंचित किया जाएगा। कृषि विभाग के द्वारा इस कार्ययोजना को वर्ष 2025 तक पूर्ण किया जाना है। जिसमें कुल 19 करोड़ रुपए का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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वाटर स्टोरेज कार्य में 19 करोड़ रुपए होंगे खर्च

पंचवर्षीय कार्ययोजना में दरभा और बास्तानार ब्लाक को किया शामिल

जगदलपुर. वर्ष 2021-22 से इस कार्ययोजना को प्रस्तावित करने के एक साल बाद स्वीकृति मिली थी। जिसके तहत जिले के बास्तानार ब्लाक के लिए 9 करोड़ रुपए और दरभा ब्लाक के 10 करोड़ रुपए का बजट अनुमानित है। यह राशि कार्ययोजना के अनुरुप कई चरणों में खर्च की जाएगी। फिलहाल 1000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में आस्था मूलक कार्य, जल ग्रहण विकास और वाटर स्टोरेज का कार्य किया जा चुका है। वोल्डर चेक, गेबियन चेक से वर्षा जल के बहाव को रोकने कार्य किए जा रहे हैं। कृषि विभाग के मुताबिक इस कार्य का उद्देश्य जल की आपूर्ति, सिंचाई उद्देश्य, बाढ़ की रोकथाम, जल की गुणवत्ता में सुधार, तलछट प्रतिधारण और नियंत्रण, मछली पालन को बढ़ावा दिया जाना है। बंजर हुई जमीन को उपजाऊ बनाने के साथ मृदा क्षरण को रोकना है।

- इससे पूर्व सभी ब्लाकों को किया गया था शामिल
इससे पूर्व यह कार्य जिला पंचायत के अधिकार क्षेत्र में था। जिसमें मैदानी क्षेत्र होने से जगदलपुर ब्लाक को छोड़कर सभी ब्लाक को शामिल किया गया था। पर अब यह कार्य अब कृषि विभाग के अंतर्गत किया जा रहा है। जिसमें कलेक्टर अध्यक्ष, जिला पंचायत सीईओ उपाध्यक्ष हैं।

- वाटर शेड समिति कर रही क्रियान्वयन
- वाटर शेड समिति के द्वारा पंचायतों में इसका क्रियान्वयन करेगी। जिसके अध्यक्ष सरपंच होंगे। पंचायत वाटर शेड सचिव के द्वारा इस कार्य से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही कार्ययोजना को संचालित करने में सहयोग देना है। साथ ही इस कार्य में ग्रामीणों को शामिल कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

- जीआईएस सिस्टम से स्थल चयन
जीआईएस (जियाग्राफिक इनफारमेशन सिस्टम) से 4000 हेक्टेयर में वाटर स्टोरेज कर कृषि का रकबा बढ़ाने सर्वे किया गया है। जिसके आधार पर स्थल में कार्ययोजनाओं को तैयार कर किया जा रहा है। पत्थरों और जाली के साथ पत्थरों से प्रवाहित होने वाली जल को रोककर वोल्डर चेक, गेबियन चेक का निर्माण किया जाएगा।