जबलपुर. बैंक के कर्ज की तरह अब बिजली के बकायादारों के राजस्व खसरे में बकाया राशि दर्ज होगी। ऐसे उपभोक्ताओं की जमीन की रजिस्ट्री बिना बकाया चुकाए नहीं हो सकेगी। शुरुआत डिफाल्टर बड़े बकाएदारों से होगी। मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर सम्भाग के अधिकारियों को राजस्व अमले से इसके लिए सहयोग लेने को कहा है। बिजली कम्पनी बड़े बकायादारों की जमीन के खसरे और सम्पत्ति के सरकारी दस्तावेजों में यह उल्लेख कराएगी कि वह बिजली कम्पनी का बकाएदार है। इसमें एसडीएम से लेकर पटवारी तक की भूमिका रहेगी। प्रविष्टि किए गए खसरों को ऑनलाइन किया जाएगा। ताकि, खरीददार को भी इसकी जानकारी रहे।
बैंकों के कर्ज की तरह बिजली के बकाएदारों के खसरे में दर्ज होगी राशि
उपभोक्ताओं पर बकाया राशि
लो टेंशन लाइन के उपभोक्ता-1892.60 करोड़ रुपए
हाई टेंशन लाइन के उपभोक्ता- 243.58 करोड़ रुपए
कुल जिले-21
कुल उपभोक्ता- 65 लाख
कृषि उपभोक्ता- 12 लाख
एक लाख से बड़े बकाएदार रडार पर
पहले चरण में सभी जिलों में एक लाख से अधिक की बकाया राशि वालों की पूरी जानकारी और उनकी सम्पत्ति की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए है। यह कार्रवाई उन बिल चुकाने में हीलाहवाली करने वाली बड़ी औद्याोगिक इकाइयों के खिलाफ भी की जाएगी। जिस नाम से मीटर लगा होगा, उस व्यक्ति की सम्पत्ति के अलावा औद्योगिक इकाई के प्रोपराइटर पर पर भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
बड़े बकाएदार राशि जमा करें, इसलिए अब उनकी जमीन के खसरे और सम्पत्ति पर राजस्व विभाग की मदद से यह जानकारी दर्ज कराई जाएगी कि उन पर बिल बकाया है। जब तक वे बिल जमा नहीं करते, तब तक उनकी सम्पत्ति की बिक्री नहीं हो सकेगी।
- अशोक धुर्वे, सीजीएम कामर्शियल, मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी
Published on:
17 Feb 2023 10:40 am