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मल्लिकार्जुन खरगे के RSS पर बैन लगाने वाले बयान पर दत्तात्रेय होसबाले का पलटवार

MP News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का शनिवार को जबलपुर में सफलतापूर्वक समापन हो गया।

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dattatreya hosabale

Dattatreya Hosabale Reacts on Mallikarjun Kharge statement calling for ban on RSS

MP News: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) पर बैन लगाने वाले बयान पर संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने पलटवार किया है। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि ये कोशिश पहले भी की गई थी उससे भी खरगे को सीख लेनी चाहिए। बता दें कि मध्यप्रदेश के जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का आयोजन किया जा रहा था जिसका शनिवार को सफलतापूर्वक समापन हो गया।

खरगे के बयान पर दत्तात्रेय का पलटवार

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने के बयान पर पलटवार करते हुए दत्ततात्रेय होसबोल ने कहा कि- इससे पहले भी तीन बार संघ को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया गया। एक बार फिर चाहें तो प्रयास करे लें लेकिन पहले के अनुभवों से सीख ले लें। इस दौरान दत्तात्रेय ने ये सवाल भी पूछा कि पहले ये भी बताएं कि आखिर संघ पर बैन लगाने की जरूरत क्यों है? पहले जब ऐसी कोशिश हुई तो समाज, न्यायपालिका ने क्या कहा ? दत्तात्रेय ने आगे कहा आरएसएस भारत की सुरक्षा संस्कृति के लिए कार्य करने वाला संगठन है। समाज ने संघ को स्वीकार्य किया है।

तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का समापन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का शनिवार को जबलपुर में सफलतापूर्वक समापन हो गया। इस ऐतिहासिक बैठक में देश भर से आए 397 शीर्ष पदाधिकारियों ने गहन विचार-मंथन किया, जिसके बाद संघ के आगामी शताब्दी वर्ष की रूपरेखा और विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर संघ का रुख स्पष्ट किया गया। समापन सत्र में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यात्रा में जबलपुर का नाम अब दर्ज हो गया है। यहां हुए विचार-मंथन से आने वाले वर्षों की दिशा तय होगी। समाज का कोई भी समुदाय ऐसा नहीं जो संघ के संपर्क से अछूता हो। इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाला वर्ष संघ के शताब्दी वर्ष का प्रारंभिक पड़ाव होगा, जिसमें राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता, संगठन विस्तार और जनजागरण पर विशेष ध्यान केंद्रित रहेगा। उन्होंने हाल ही में देशभर में संपन्न हुए विजयदशमी उत्सवों का भी उल्लेख किया।