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सेना का बड़ा कवच, बारूदी सुरंग के विस्फोट में कारगर है एमपीवी

वीएफजे ने सेना को भेजा आखिरी एमपीवी, अब नए ऑर्डर का इंतजार

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जबलपुर. बारूदी सुरंगों से निपटने में कारगर मॉडीफाइड माइन प्रोटेक्टेड वीकल (एमएमपीवी) के आखिरी कंसाइनमेंट की सप्लाई शनिवार को कर दी गई। वीकल फैक्ट्री जबलपुर के पास अब सेना का कोई ऑर्डर नहीं बचा है। अभी केवल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एमपीवी रह गए हैं। उनमें से एक बडे़ लॉट की रवानगी इसी महीने किए जाने का लक्ष्य फैक्ट्री प्रबंधन ने बनाया है।

आयुध निर्माणियों में वीकल फैक्ट्री जबलपुर (वीएफजे) ही एमपीवी बनाती है। यह आतंकवाद और नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में उपयोगी है। दुश्मन की तरफ से बारूदी सुरंगों से सेना को नुकसान पहुंचाने के नापाक इरादों को यह वाहन पूरा नहीं होने देता। भारी विस्फोटक को यह सहन कर लेता है। विस्फोट के बाद उसमें बैठे सैनिकों को कम नुकसान होता है। इसलिए डेढ़ दशक से इस वाहन का उत्पादन लगातार हो रहा है। सेना के साथ अर्धसैनिक बल के लिए यह कवच काम करता है।

244 वाहन को करना था तैयार

दो साल पहले वीएफजे को 244 एमपीवी और एमएमपीवी का ऑर्डर मिला था। इसमें 196 एमएमपीवी सेना के लिए तैयार की जानी थी। बीच में सेना की तरफ से इसमें कई प्रकार के परिवर्तन कराए गए। ऐसे में यह पहले से ज्यादा सुरक्षित था। हैवी इंजन के साथ फायरिंग पोर्ट में बदलाव हुआ। धुंध वाले इलाकों में कांच के ऊपर कोहरे की जो परत जमती थी, उसे हटाने के लिए भी इसमें उपकरण लगाए गए हैं। इसी प्रकार पहले से ज्यादा मात्रा में बारूद के विस्फोट के लिए भी इसे तैयार किया गया। इसलिए इतने वाहनो के डिस्पैच होने में समय लगा। अब आखिरी वाहन को शनिवार को रवाना कर दिया गया।

समारेाह में दिखाई गई हरी झंडी

फैक्ट्री में हुए कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक संजीव कुमार भेाला ने एमएमपीवी को हरी झंडी कर रवाना किया। इससे पहले वाहन का पूजन किया गया। कार्यक्रम में जनरल मैनेजर कमलेश कुमार, एसके राय के अलावा रामेश्वर मीणा, संतोष ताम्रकार, आशुतोष कुमार व अन्य अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन कमल चौहान ने किया।

वाटर बाउजर का उत्पादन शुरू

इससे पहले गुरुवार को फैक्ट्री में नए ऑर्डर के पहले वाटर बाउजर के उत्पादन की शुरूआत हुई। मुख्य महाप्रबंधक भोला ने वाहन क पूजन कर उसे रवाना किया था। ज्ञात हो कि फैक्ट्री को अगले वित्तीय वर्ष के लिए 735 वाटर वाउजर का ऑर्डर मिला है। यह वाहन सेना के लिए बहुत उपयोगी है। यह माइनस 45 और प्लस 45 तापमान में पानी को सामान्य रखता है। कार्यक्रम में रतन डागौर ने इस कार्यक्रम के साथ-साथ वाहन की विशेषताओं की जानकारी से अवगत कराया।