Lumpy virus havoc : बारिश के बीच पहले से ही कई तरह की संक्रामक बीमारियों से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्रों के मवेशियों पर अब लम्पी वायरस भी कहर बरपा रहा है। जिले की पनागर तहसील में पिछले एक सप्ताह में कई मवेशी इसकी चपेट में आ चुके हैं। यही नहीं समय पर इलाज न मिलने से कुछ की जान भी जा चुकी है। पशु पालन विभाग की लापरवाही को लेकर पशु पालकों में गुस्सा भी देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि टीकाकरण नहीं होने से ऐसी स्थिति बनी है।
पनागर तहसील के जगमोहन वार्ड, गुरुनानक वार्ड, गांधी वार्ड के मवेशियों में लम्पी वायरस के लक्षण देखे जा रहे हैं। यहां घरों में पले जानवरों के साथ साथ लावारिस घूम रहे मवेशियों में ये बीमारी देखी जा रही है। वेटरनरी डॉक्टर्स के अनुसार ये बीमारी एक दूसरे मवेशी के संपर्क में आने से फैलती है। इसके बचाव के लिए समय पर इलाज होना आवश्यक है। यदि देरी होती है तो मवेशी की मौत भी हो सकती है।
वेटरनरी डॉक्टर्स के अनुसार लम्पी वायरस के शिकार मवेशी के पूरे शरीर में फोड़े हो जाते हैं जो एक एक कर स्वयं ही फूटते हैं और निकलने वाली मवाद पूरे शहरी को संक्रमित करने लगती है। जिससे उन्हें कीड़े भी लगने लगते हैं। इसके अलावा वे हाई फीवर के शिकार हो जाते हैं और खाना पीना भी छोड़ देते हैं। आगे पैरों में सूजन भी आ जाती है। पनागर में ऐसे ही दर्जनों मामले देखे जा रहे हैं। इससे पशु पालकों में दहशत का माहौल है। कई लोगों ने अपने मवेशियों को बाहर घुमाना ही बंद कर दिया है।
पनागर के गौ सेवक बंटी पटेल ने बताया एक सप्ताह में मवेशियों के मरने की लगातार सूचना मिल रही है। जब उनकी जांच कराई गई तो सभी में लम्पी के लक्षण मिले। अब तक करीब 10 मवेशी मर चुके हैं। इसकी मुख्य वजह इनका टीकाकरण न होना है। जबकि पिछले साल भी पूरे गांव के मवेशियों का लम्पी वायरस से बचाने के लिए टीकाकरण करने का आदेश जारी हुआ था। लेकिन औपचारिकता के बाद ये अभियान बंद कर दिया गया था। इस साल भी अब तक सूचना देने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी या डॉक्टर पनागर नहीं पहुंचा है। हम अपने स्तर पर बीमार मवेशियों का नि: शुल्क इलाज कर रहे हैं।
Lumpy virus havoc : लम्पी का टीकाकरण इसी महीने शुरू हुआ है। यदि ऐसा हो रहा है तो इसे गंभीरता से दिखवाता हूं। मवेशियों की मौत की जानकारी नहीं है। यदि हुईं हैं तो इसकी जांच भी कराई जाएगी।
Published on:
06 Aug 2025 11:43 am