10 अगस्त 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

पीने वालों की मुसीबत, अवैध वसूली से शराब की कीमतें बढ़ी

जबलपुर में शराब ठेकेदारों ने सिंडीकेट बनाया, ग्राहकों से 20 से 30 रुपए तक ज्यादा वसूली

liquor.jpg

जबलपुर. शराब ठेकों की मियाद बीतने से पहले मनमानी पर उतरे ठेकेदारों ने सिंडीकेट बना लिया है। एक साथ सभी ने खुद ही शराब के दाम तक कर 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि कर दी है। सिंडीकेट ने बकायदा खुद की नई रेटलिस्ट जारी कर दी है और आबकारी विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं दी।

ज्ञात हो कि शराब के दाम को लेकर बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार ने एमएसपी और एमआरपी तय कर दी। किसी भी हालत में ठेकेदार एमआरपी से अधिक दर पर शराब की बिक्री नहीं कर सकते। लेकिन आबकारी विभाग और नियमों को धता बताते हुए ठेकेदारों ने नया रेट खोल दिया है।

यह ठेका 31 मार्च तक के लिए ही है, मियाद करीब आते देख शराब ठेकेदार संगठित हो गए हैं। ऐसा ही कुछ माह पहले भी किया था पर अधिक दाम पर शराब बेचते पकड़े जाने के पर ईओडब्ल्यू ने एफआइआर दर्ज की थी। जिसकी जांच चल रही है। इस कार्रवाई के बाद भी अपने स्तर पर ही दाम बढ़ा दिए।

देसी पर ज्यादा मार
सबसे ज्यादा असर देसी शराब प्लेन और मसाला पर पड़ा है। ग्राहकों को ज्यादा राशि देकर इसे खरीदना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सका। ज्ञात हो कि सबसे ज्यादा बिक्री प्लेन और मसाला की होती है। 60 प्रतिशत ग्राहक इसके होते हैँ। इसलिए जैसे ही इनकी कीमतें बढ़ती हैं तो शराब के शौकीन प्रभावित होते हैं। सूत्रों ने बताया कि एक दो दिनों पहले शराब सिंडीकेट की बैठक हुई। उसमें नए ठेकों को लेकर कीमतें बढ़ाने पर रूपरेखा तैयार की गई थी।

अंग्रेजी भी महंगी
विदेशी शराब की कीमतें भी सिंडीकेट ने बढ़ा दी हैं। बीअर ज्यादा दामों पर बेची जा रही है। जबकि नियम यह है कि कोई भी दुकानदार एमआरपी से अधिक और एमएसपी से कम कीमत पर इसकी बिक्री नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर भारी जुर्माना से लेकर दुकान को सील तक किया जा सकता है। मगर इस बात से बेफिक्र होकर शराब सिंडीकेट कीमतों में मनमानी शुरू कर दी है।

शराब की कीमतें बढ़ाने की शिकायतें कुछ लेागों ने फोन पर मौखिक रूप से की है। इसकी जांच कराएंगे। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित दुकान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जीएल मरावी, प्रभारी, कंट्रेाल रूम आबकारी विभाग