MP News: गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC Bhopal) भोपाल में हॉस्पिटल मैनेजर व असिस्टेंट हॉस्पिटल मैनेजर के पद पर नियुक्तियों को हाईकोर्ट ने अवैध पाया। कोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया। निर्देश दिया कि उक्त पदों के लिए दोबारा मेरिट लिस्ट बनाएं। नए सिरे से इंटरव्यू लें। तीन माह में प्रक्रिया पूरी करें।
जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने शपथ पत्र में गलत जानकारी देने पर कॉलेज के पूर्व डीन सलिल भार्गव पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने भार्गव की उम्र को देखते हुए एफआइआर के निर्देश के स्थान पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। इसके लिए 90 दिन की मोहलत दी। कोर्ट में कॉलेज के तर्क को गलत पाया।
सुनवाई में जीएमसी की ओर से कहा गया, याचिकाकर्ता की डिग्री मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन नहीं है। एमबीए है, इसलिए उम्मीदवारी खारिज की। याचिकाकर्ता ने कहा, पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एमबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की थी। इसके बाद कॉलेज ने ओवरएज होने का तर्क दिया। पूर्व डीन भार्गव ने शपथ पत्र में कहा-याचिकाकर्ता का ओबीसी प्रमाण पत्र डिजिटल नहीं था। कोर्ट ने पाया कि वह डिजिटल था। क्यूआर कोड से वेबसाइट पर सत्यापन भी हुआ। कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा, याचिकाकर्ता को डिप्टी रजिस्ट्रार पद का पात्र पाया, पर इंटरव्यू कॉल नहीं किया गया।
भोपाल के मनोहर सिंह मारन ने याचिका दायर की थी। इसमें कहा-उसे गांधी मेडिकल कॉलेज में अस्पताल प्रबंधक, सहायक प्रबंधक व डिप्टी रजिस्ट्रार की नौकरी से अयोग्य करार देते हुए वंचित कर दिया। उसे पहले डिप्टी रजिस्ट्रार के लिए पात्र माना, पर बाद में अस्पताल प्रबंधक व सहायक प्रबंधक पद के लिए अयोग्य करार दिया।
Published on:
02 Aug 2025 11:10 am