helmet rules : एक तरफ इंदौर-भोपाल जैसे शहर बिना हेलमेट पेट्रोल-सीएनजी नहीं देने का निर्णय ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जबलपुर में कई साल पहले से लागू इस नियम का पालन तक नहीं हो रहा है। कई पेट्रोल पंपों में ये नोटिस बोर्ड केवल औपचारिकता बनकर टंगे हुए हैं और धड़ल्ले से बिना हेलमेट पहने लोगों को पेट्रोल दे रहे हैं। गुरुवार को पेट्रोल पंपों पर ऐसे कई लोग दिखे जिन्हें बिना हेलमेट के ही पेट्रोल दिया जा रहा था।
अक्टूबर 2022 में तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने पेट्रोल पंप संचालकों की मौजूदगी में हेलमेट जागरुकता लाने के लिए बैठक आयोजित की थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि बिना हेलमेट के किसी भी दोपहिया वाहन चालक को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। इस पर पंप संचालकों ने भी अपनी सहमति प्रदान की थी। आदेश के परिपालन में जिले के सभी पेट्रोल पंपों पर यह आदेश लिखे गए थे। दरअसल मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सडक़ हादसों पर चिंता जाहिर की थी। जिसके बाद प्रदेश सरकार, पुलिस विभाग और यातायात पुलिस भी लोगों को हेलमेट पहनाने सक्रिय हो गई थी, किंतु कुछ दिनों के बाद इस आदेश को सभी भूल गए।
दो साल पहले पीएचक्यू भोपाल ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें सभी जिलों के एसपी को ये निर्देशित किया गया था कि किसी भी दोपहिया वाहन चालक को बिना हेलमेट के पेट्रोल न दिया जाए। इसके पीछे यह तर्क दिया गया था कि लगातार हो रही सडक़ दुर्घटनाओं के बाद भी लोग हेलमेट नहीं पहन रहे हैं। ऐसे में यदि उन्हें पेट्रोल ही नहीं मिलेगा तो हेलमेट पहनना शुरू कर देंगे। हालांकि कुछ दिनों तक यह मुहिम कारगर रही, लेकिन पुलिस की ढिलाई के बाद यह भी बाकी आदेशों की तरह हवा हो गया।
हेलमेट न पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों के लिए कुुछ मार्ग भी प्रतिबंधित किए गए थे। ताकि लोगों में हेलमेट को लेकर जागरुकता आए, करीब एक महीने तक सक्रियता दिखाने के बाद बहुत से वाहन चालक हेलमेट पहनने लगे थे। किंतु अधिकारियों के तबादले और उनकी सक्रियता कम होने से जबलपुर पुलिस इसे भूल गई। हालांकि कुछ मार्गों पर संकेतक व पोस्टर अब भी रखे हुए हैं।
Published on:
01 Aug 2025 11:43 am