Green India Mission : प्रदेश में केंद्र सरकार के ग्रीन इंडिया मिशन (जीआइएम) के तहत दो साल में किए गए पौधरोपण और उससे आए समाजिक बदलावों की जमीनी हकीकत की जांच वैज्ञानिक करेंगे। केंद्र सरकार ने राज्य वन अनुसंधान संस्थान (एसएफआरआई) को यह जिमेदारी दी है। प्रदेश के विभिन्न वन मंडलों में किए गए पौधरोपण का सत्यापन किया जाएगा।
इस सत्यापन में पौधों की लंबाई और आसपास के परिवेश में बदलाव का भी अध्ययन शामिल होगा। 6000 हेक्टेयर क्षेत्र के प्लांटेशन को जांचा जाएगा। इस सबंध में सभी तरह की जानकारी एकत्रित की जाएगी। मिशन के उद्देश्य की पूर्ति हो रही है या नहीं इसकी रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
प्रदेश के 18 वन मंडलों को चिह्नित किया गया है। इनमें सिवनी, शिवपुरी, धार, झाबुआ, बड़वानी, सेंधवा, उत्तर बैतूल, दक्षिण पन्ना, उमरिया, औबेदुल्लागंज, रायसेन, दक्षिण सागर, नर्मदा पुरम, सतना, दक्षिण बालाघाट, शिवपुरी, सीहोर, पश्चिम बैतूल शामिल हैं। सीनियर रिसर्च अफसर ऋचा सेठ की अगुवाई में 9 टीम गठित की हैं।
ग्रीन इंडिया मिशन का उद्देश्य केवल पर्यावरणीय उत्थान नहीं, बल्कि सामाजिक लाभ भी है। इस मिशन के तहत पौधारोपण से ग्रामीणों की जीवनशैली में सुधार हुआ है। वैज्ञानिक इस बात का भी मूल्यांकन करेंगे कि मिशन ने स्थानीय समुदायों के रोजगार और जीवन स्तर पर कितना प्रभाव डाला है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही मिशन कामकाज तय होगा।
Green India Mission : ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत पौधारोपण की निगरानी और मूल्यांकन पर अब विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि उपयुक्त मानकों का पालन कितनी फीसदी हुआ है।
Published on:
14 Jan 2025 12:43 pm