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फोन, सोशल मीडिया और नशा तोड़ रहा घर, महिलाओं के ​खिलाफ बढ़ी हिंसा

वन स्टाप सेंटर, बालिकाओं के यौन शोषण की बढ़ रही घटनाएं

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जबलपुर. किसी के पति को महिला का बार-बार मायके फोन लगाना रास नहीं आया। कुछ घरों में सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रियता कलह पैदा कर रही है। कई महिलाएं दहेज के नाम पर प्रताडि़त हैं। विवाह से पहले के संबंधों से विवाद बढ़ रहे हैं। शराब का नशा झगडे़ का बड़ा कारण है। लिव इन रिलेशनशिप भी ज्यादा नहीं चल पा रही। ऐसी कई वजहें हैं जो महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा का कारण बन रही हैं। इनके खिलाफ आवाज उठाने के कारण वन स्टाप सेंटर सखी में प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है।

ऐसे प्रकरणों के निराकरण और मदद में यह सेंटर महिला, युवती एवं बालिकाओं के लिए बड़ा आधार बन रहा है। घरेलू हिंसा के लिए छोटे-छोटे कारण जिम्मेदार हैं। लेकिन यह बडे़ बनते जा रहे हैं। जब यह सहन नहीं होती तो महिलाएं इनके खिलाफ आवाज उठाने में भी पीछे नहीं हैं। यही कारण है जिले में हर साल 500 से 800 प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। सबसे अधिक मामले घरेलू हिंसा के रहते हैं। इसी प्रकार बलात्कार, लिव इन रिलेशनशिप, यौन अपराधों की संख्या भी लगातार बढ़ी है।

सेंटर से 19 लोगों पर एफआइआर दर्ज

पॉक्सो एक्ट और दहेज प्रकरणों में पहले से एफआरआर दर्ज रहती है, वहीं सेंटर की तरफ से महिलाओं और युवतियों की शिकायत पर 19 लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा, लिव इन रिलेशनशिप, यौन शोषण और बलात्कार के मामले शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर दोस्ती से बहक रहे कदम

बालिकाओं के साथ शारीरिक एवं यौन शोषण के प्रकरण भी लगातार बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से इन्हें शिकार बनाने की घटनाएं ज्यादा बढ़ रही हैं। लड़के पहले उनसे दोस्ती करते हैं, फिर कई तरह के प्रलोभन देकर उनका दैहिक शोषण करते हैं। ऐसी पीडि़त बालिकाओं के प्रकरणों में पुलिस के माध्यम से एफआइआर दर्ज कराई जाती है। वहीं उन्हें मानसिक रूप से फिर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने केलिए काउंसलिंग की जाती है।

जिले में प्रकरणों की संख्या

वर्ष--घरेलू हिंसा--बाल यौन शोषण--बलात्कार--दहेज उत्पीड़न-- लिव इन रिलेशन शिप--कुल

2017-18 117 00 00 00 00 117

2018-19 243 01 01 01 00 264

2019-20 271 00 02 02 00 305

2020-21 579 04 11 18 14 676

2021-22 605 03 09 07 26 697

2022-23 879 02 22 07 17 989

2023-24 770 01 06 00 10 839

नोट:: वर्ष 2023-24 के प्रकरण नवंबर तक। कुल में प्रकरणों में अपराध की अन्य श्रेणियां भी शामिल।

2017 से अभी तक के दर्ज अपराध

- घरेलू हिंसा 3467- बाल यौन शोषण 11

-बलात्कार 51- दहेज उत्पीड़न 35

- यौन अपराध 24- अन्य प्रकरण में अपराध 34

- गुमशुदा 118- साइबर अपराध 13

- छेड़छाड़ 20- लिव इन रिलेशनशिप 67

क्या है वन स्टाफ सेंटर

महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से संचालित वन स्टाप सेंटर सखी एक ही छत के नीेचे हिंसा से पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को एकीकृत रूप से सहायता एवं सहयोग प्रदान करता है। पर्यवेक्षक सावित्री दुबे ने बताया कि पीडि़त को तत्काल आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन सुविधाएं जैसे चिकित्सा, पुलिस, विधिक, मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं अस्थाई आश्रम की सुविधा दी जाती है।

केस-1

19 वर्ष की सुनंदिनी (परिवर्तित नाम ) जबलपुर की रहने वाली है। माता-पिता का देहान्त हो चुका है। इसलिए वह दीदी जीजाजी के पास रहने लगी। कुछ समय बाद जीजाजी उसके साथ अभद्वता करने लगे। कमरे में बंद करके प्रताडित करते थे। सुनंदिनी के माता पिता ने कुछ रूपयों की एफडी कराई थी, वह भी जोर जबरदस्ती करके निकलवा लिए। जीजा उसे तांत्रिक के पास ले जाया करते थे, दीदी भी सहयोग करती थी, एक दिन अचानक जीजा उसे गाडी में बैठाकर सुनसान जगह पर ले गए और अनैतिक कृत्य करने की कोशिश की। महिला ने जीजा को धक्का दिया व झाडी में जाकर छुप गई, वह रात भर जंगल में रही। सुबह हुई तो किसी तरह थाने पहुंची। उसने थाने से सहायता ली कुछ समय बाद महिला वन स्टाप सेन्टर आई।

केस-2

कुमुदिनी (परिवर्तित नाम ) विवाहित है। वह उत्तरप्रदेश में रहती है। उसके दो बच्चे हैं। फेसबुक पर उसकी दोस्ती एक युवक से हो गई। दोनों के बीच मैसेंजर पर जो बातें हुईं, तस्वीर भेजी उसके आधार पर अचानक वह युवक उसे ब्लैकमेल करने लगा। उसके खाते से दो लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। वह मानसिक रूप से प्रताडि़त होने पर बिन बताए जेवर और पैसे लेकर घर से निकल गई। जबलपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने उसे परेशान देखा। सारा माजरा सामने आने पर उसे वन स्टाफ सेंटर भेजा। वह इतनी भयभीत और डरी हुई थी कि समझाइस पर भी वह नहीं समझी। फिर उसके पति से संपर्क किया गया। बाद में उसका पति उसे घर ले गया। वहीं युवक पर कार्रवाई की गई।

महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर सेंटर की तरफ से कई प्रकार से सहायता दी जाती है। घरेलू हिंसा के अलावा बलात्कार और लिव इन रिलेशनशिप के मामले आते हैं। उनमें कानूनी, मनोवैज्ञानिक परामर्श के अलावा आश्रय प्रदान किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब महिलाएं हिंसा के प्रति आवाज उठा रही हैं।

रीता हरदहा, प्रभारी प्रशासक, वन स्टाफ सेंटर