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143 शराब दुकानों के ​लिए देने होंगे 816 करोड़, महंगा होगा पीना

जिले में आबकारी विभाग ने तय किया मूल्य, ठेके की प्रक्रिया शुरू

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जबलपुर. जिले की शराब दुकानों का मूल्य इस बार बढ़कर 816 करोड़ रुपए हो गया है। यह पिछले बार की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। नए वित्तीय वर्ष के लिए इन दुकानों के लिए ठेके की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यदि 75 प्रतिशत दुकानों को इतना मूल्य मिल जाता है तो इनका नवीनीकरण होगा नहीं तो टेंडर प्रक्रिया होगी।

इस बार भी जिले की 143 कंपोजिट शराब दुकानों को 45 समूहों में बांटा गया है। उनका नवीनीकरण एवं लॉटरी सिस्टम से पुन: आवंटित किए जाने की प्रक्रिया आबकारी कार्यालय की तरफ से शुरू की गई है। अभी तक किसी भी समूह की तरफ से ऑफर नहीं डाला गया है। इसके लिए उनके पास 17 फरवरी तक का वक्त है। इस बीच विभाग के अधिकारी भी ठेकेदारों से चर्चा में जुटे हैं। उन्हें आबकारी नीति के बारे में जानकारी दी जा रही है। उनके सामने यह चुनौती है कि आरक्षित मूल्य या उससे अधिक का राजस्व विभाग को मिले।

15 प्रतिशत का इजाफा

शराब दुकानों का मूल्य अधिक होने के कारण शराब की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। क्योंकि शासन ने इस बार भी मूल्य में 15 प्रतिशत का इजाफा किया है। पिछली बार भी इसी तरह दुकानों का मूल्य बढ़ाया गया था। ऐसे में कई समूह पीछे हठ गए थे। इसलिए नवीनीकरण एवं लाटरी सिस्टम से इसका आवंटन नहीं हो सका था। इसलिए टेंडर की प्रक्रिया को अपनाया गया था। इसमें कुछ समूहों में फायदा हुआ था तो कुछ समूहों को कम मूल्य पर आवंटित किया गया था। क्योंकि कई दौर के टेंडर में भी कीमत नहीं मिल रही थी।

पांच प्रतिशत बढ़ा है कुल मूल्य

शराब दुकानों के प्रथम चरण में नवीनीकरण एवं लॉटरी से दुकानों का निष्पादन किया जा रहा है। पिछले साल 70 प्रतिशत तो इस बार 75 प्रतिशत दुकानें यदि नवीनीकरण एवं लॉटरी प्रक्रिया से आवंटित हो जाती हैंतो बांकी 25 प्रतिशत दुकानों के लिए टेंडर की प्रक्रिया होगी। मगर अभी तक के रुझानों से इस प्रक्रिया के जरिए दुकानों का आवंटन हो जाए, ऐसा संभव नहीं दिख रहा है। ऐसे में आखिरी समय टेंडर की किए जाएंगे।

जिले की शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 15 प्रतिशत अधिक मूल्य देने पर दुकानों का नवीनीकरण किया जाएगा। यदि इस प्रक्रिया से 75 प्रतिशत राजस्व मिल जाता है तो नवीनीकरण हो जाएगा। ऐसा नहीं होने पर टेंडर के जरिए कंपोजिट शराब की दुकानों का आवंटन किया जाएगा।

रविंद्र मानिकपुरी, सहायक आयुक्त, आबकारी विभाग