cancer alert : जिले में ओवरी के कैंसर से हर साल बड़ी संख्या में महिलाएं ग्रस्त हो रही हैं। इसके बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन इसे लेकर जागरूकता की कमी है। गिनती के परिजन ही किशोरियों को एचपीवी वैक्सीन लगवाते हैं। केन्द्र सरकार ने एचपीवी वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन जिले में अभियान शुरू नहीं हुआ है। स्टेट कैंसर अस्पताल में हर साल बच्चादानी के कैंसर से पीड़ित करीब 900 महिलाएं आती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सही उम्र में किशोरियों को वैक्सीन लगा दी जाए तो कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
2500 से 3 हजार कैंसर पीड़ित महिला हर साल
900 महिलाओं में ओवरी का कैंसर
30 से 40 प्रतिशत मरीज ओवरी कैंसर की
●स्टेज 1 में सर्जरी
●स्टेज 2,3,4 का कैंसर होने पर रेडियेशन थेरैपी
●60 से 70 प्रतिशत केस में पूरी तरह से ठीक जाती है बीमारी
विशेषज्ञों के अनुसार ओवरी कैंसर से बचाव के लिए पेप स्मियर टेस्ट, वीआइए टेस्ट व एचपीवी डीएनए टेस्ट किया जाता है। यह गर्भाशय ग्रीवा में कोशिकाओं का कैंसर है। इसके उपचार के लिए सर्जरी, विकिरण और कीमोथेरेपी की जाती है। नियमित जांच से ही ओवरी कैंसर के अधिकांश मामलों का पता लगाया जा सकता है। कोशिकाओं की जांच से प्री कैंसर का पता चलता है। एचपीवी संक्रमण जांच के लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच की जाती है।
cancer alert : टीकाकरण अभियान कार्यक्रम में एचपीवी वैक्सीनेशन को फिलहाल शामिल नहीं किया गया है। शासन से दिशा-निर्देश मिलते ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
cancer alert : 9 से 14 और खासकर 19 वर्ष की उम्र के पहले तक एचपीवी वैक्सीनेशन ज्यादा प्रभावी है। वैवाहिक जीवन शुरू होने से पहले वैक्सीन लगाई जा सकती है। वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है।
Updated on:
25 Feb 2025 12:29 pm
Published on:
25 Feb 2025 12:18 pm