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अब नहीं मिलेगी ‘पक्की नौकरी’, 1 या 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर होंगी भर्तियां

MP News: निगमीकरण के बाद रक्षा कंपनी यूनिशंस इंडिया लिमिटेड आयुध निर्माणी खमरिया के लिए दो बार पद जारी कर चुकी है। इसमें 400 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती हुई।

फोटो सोर्स: पत्रिका
फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: आयुध निर्माणियों ने भी अब पक्की नौकरी से किनारा कर लिया है। सेना के अग्निवीर की तर्ज पर यहां भी एक या चार साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी रखे जाएंगे। निगमीकरण के बाद सात रक्षा कंपनियां निश्चित अवधि के लिए भर्तियां कर रही हैं। यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के बाद एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड ने कॉन्ट्रैक्ट बेस पर पद निकाले हैं। आखिरी बार पांच साल पहले नियमित भर्तियां की गई थीं।

ट्रेडमैन के 53 पद

निगमीकरण के बाद रक्षा कंपनी यूनिशंस इंडिया लिमिटेड आयुध निर्माणी खमरिया के लिए दो बार पद जारी कर चुकी है। इसमें 400 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती हुई। अब एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड ने जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री के लिए कॉन्ट्रैक्ट बेस पर निश्चित अवधि के लिए भर्तियां निकाली हैं।

हालांकि, ट्रेडमैन के 53 पद ही हैं। इनमें आधे पद एक्स सर्विसमैन और पूर्व कर्मचारियों के लिए भी हैं। इतने ही पद अनुभव आधारित होंगे। मुख्य रूप से गनर, फिटर, एग्जामिनर, मशीनिष्ट, मिलराइट और इलेक्ट्रोप्लेटर शामिल हैं।

एलएफजी के लिए जरूरत

तकनीकी पदों पर काम करने के लिए भर्तियां निकाली जा रही हैं। इसमें केंद्र के रिटायर कर्मचारियों को भी रखा जा रहा है। जानकारों ने बताया कि मकसद जीसीएफ के पुराने प्रोजेक्ट को गति देना है। हाल ही में सेना से 18 लाइट फील्ड गन का ऑर्डर मिला है। इससे पहले अंतिम ऑर्डर 2018 में मिला था। इस बीच पूरी असेंबली लाइन बंद रही। उसे पुन: चालू किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में काम करने वाले अनुभवी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए। इस भर्ती के जरिए फैक्ट्री प्रबंधन प्रोजेक्ट से जुड़े कर्मचारियों को फिक्स वेतन पर भर्ती करने जा रहा है। यह 30 से लेकर 39,525 रुपए तक है।

एचआर पॉलिसी नहीं बनने से नुकसान

सभी रक्षा कंपनियों की मानव संसाधन पॉलिसी बननी हैं। ऐसे में कंपनियां नियमित कर्मचारियों की भर्तियां नहीं कर रही हैं। 2022 में निगमीकरण के बाद देश की 41 आयुध निर्माणियों के कर्मचारी अभी सरकारी हैं। हाल में एक पत्र के माध्यम से इन्हें कंपनियों में मर्ज करने की प्रक्रिया चालू हुई थी। आर्मर्ड वीकल निगम लिमिटेड ने तो पत्र भी जारी कर दिया था। इसका तीनों प्रमुख कर्मचारी महासंघ बीपीएमएस, आइएनडीडब्लयूएफ और एआइडीईएफ के अलावा सिड्रा ने विरोध किया था।

नए एवं पुराने डिफेंस प्रोजेक्ट के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता से रक्षा कंपनी एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड को अवगत कराया गया था। कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर निश्चित अवधि केलिए भर्ती की अनुमति दी है। उसी आधार प्रक्रिया शुरू की गई है।- राजीव गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, जीसीएफ जबलपुर