Amazing MP : बिना योजना और समन्वय के किए गए काम बेकार ही साबित होते हैं। कुछ ऐसा ही काम करीब तीन दशक पहले भेड़ाघाट में कराया गया था। जिसका परिणाम ये हुआ कि लाखों की लागत से बनीं दुकानें आज तक शुरू नहीं हो पाईं, बल्कि जर्जर होकर टूट रहीं हैं। वहीं बहुत सी दुकानों पर भिखारियों व अन्य लोगों ने कब्जा कर लिया है।
भेड़ाघाट नगर पंचायत अंतर्गत धुआंधार के पास मुख्य मार्ग में अंतव्यवसायियों के लिए लगभग 40 दुकानों को निर्माण कराया गया था। लाखों रुपए की लागत से बनी इन दुकानों का उद्देश्य क्षेत्र के शिल्पकारों, व छोटे-छोटे कलाकारों व व्यपारियों को उचित व व्यवस्थित स्थान देना था। लेकिन दुकानों और वाहन स्टैंड की दूरी अधिक होने, लोगों की आवाजाही कम होने तथा दुकानों की साइज बहुत छोटी होने के चलते लोगों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई।
स्थानीय व्यापारियों ने बताया जो दुकानें बनाई गईं थीं, जो शिल्पकारों व स्थानीय व्यापारियों के लिए दिया जाना था। बहुत से लोगों ने दुकानें नहीं लीं और जिन लोगों ने ली थीं, वे भी कुछ दिनों बाद बंद कर गए। जिसके बाद ये दुकानें लावारिस हो गईं। देखरेख की कमी के चलते दशकों से यहां भिखारियों व अन्य खानाबदोषों ने कब्जा कर डेरा डाल रखा है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पिछले साल भेड़ाघाट का दौरा किया था। जिसके बाद इन जर्जर दुकानों को हटाने के लिए कहा था। इन्हें हटाकर खाली जगह पर वाहन स्टैंड या अन्य उपयोग करने की बात भी उन्होंने कही थी।
Amazing MP : जर्जर दुकानों को हटाने के लिए हमने वैधानिक रूप से पत्र जारी कर चुके हैं। चूंकि यह अंतव्यवसायी योजना के अंतर्गत बनाई गईं थीं, इसलिए पंचायत इस मामले में सीधी कार्रवाई नहीं कर सकता है। कलेक्टर कार्यालय में पत्र दिया है, आगे की कार्रवाई के लिए वहां से जो निर्देश मिलेंगे उनका पालन किया जाएगा।
Updated on:
02 Aug 2025 03:51 pm
Published on:
02 Aug 2025 03:49 pm