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1500 साल पुराना शिव मंदिर, जहां सुखी वैवाहिक जीवन का मिलता है वरदान

यहां दाम्पत्य की डोर होती है मजबूत, दुनिया की एकमात्र शिव विवाह प्रतिमा का अनोखा है वैभव तंत्र साधना का गोलकी मठ आज भी आस्था का केन्द्र मंदिर को चेदि महारानी अल्हाणा देवी ने अपने पुत्र नरसिंह देव के राज्यकाल में 1155 ई में बनवाया महाराजा विजयसिंह (1180-1165) की माता महारानी गोसलदेवी यहां प्रतिदिन प्रणाम करने आया करती थीं

Shiv temple
Shiv temple
  • यहां दाम्पत्य की डोर होती है मजबूत, दुनिया की एकमात्र शिव विवाह प्रतिमा का अनोखा है वैभव
  • तंत्र साधना का गोलकी मठ आज भी आस्था का केन्द्र
  • मंदिर को चेदि महारानी अल्हाणा देवी ने अपने पुत्र नरसिंह देव के राज्यकाल में 1155 ई में बनवाया
  • महाराजा विजयसिंह (1180-1165) की माता महारानी गोसलदेवी यहां प्रतिदिन प्रणाम करने आया करती थीं

Shiv temple : संस्कारधानी में वैसे तो बहुत से शिवालय और सिद्ध मंदिर हैं, जहां देवाधिदेव महादेव के विविध रूपों का पूजन सदियों से होता चला आ रहा है। वहीं विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट के नर्मदा तट पर बने 64 योगिनी मंदिर की बात ही निराली है। लोग इसे जहां तंत्र साधना के लिए जानते हैं, जिसे कालांतर में गोलकी मठ के नाम से जाना जाता था, वहीं सुखद दाम्पत्य जीवन की कामना के लिए भी इस मंदिर की ख्याति व्याप्त है।

Shiv temple : 15 सौ साल पुराना मंदिर

इतिहासकारों के अनुसार शिव-पार्वती विवाह की यह प्रतिमा जबलपुर नर्मदा तट भेड़ाघाट में स्थित सुप्रसिद्ध चौसठ योगिनी मंदिर के मध्य में स्थित गौरीशंकर मंदिर में विराजमान है। चौसठ योगिनी के आंगन में स्थित गौरीशंकर मंदिर को चेदि महारानी अल्हाणा देवी ने अपने पुत्र नरसिंह देव के राज्यकाल में 1155 ई में बनवाया था। गर्भगृह की बाहरी दीवार पर लगा शिलालेख बताता है कि महाराजा विजयसिंह (1180-1165) की माता महारानी गोसलदेवी यहां प्रतिदिन प्रणाम करने आया करती थीं।

Shiv temple : महादेव- माता पार्वती कर रहे हैं बात

प्राचीन प्रतिमा का स्वरूप अत्यंत ही मनोरम है। शिव-पार्वती नंदी पर सवार हैं और भोलनाथ माता पार्वती को बड़े ही स्नेह से पीछे मुडकऱ निहार रहे हैं। एक पल के लिए लगता है जैसे दोनों आपस में बात कर रहे हों। शिव-पार्वती विवाह की विश्व की इस एकमात्र प्रतिमा पर लोगों की नजरें ठहर जाती हैं। बातें करते हुए प्रतिमा सुखी वैवाहिक जीवन की प्रेरणा दे रही है।

Shiv temple : गणों के साथ दे रही समाज के बीच सुखद दाम्पत्य का संदेश

मंदिर के प्रमुख पुजारी धर्मेन्द्र पुरी ने बताया चौसठ योगिनी मंदिर में विराजमान शिव पार्वती की अनोखी प्रतिमा की खासियत है कि वह विवाह के बाद का दृश्य बताती है। जो सुखद दाम्पत्य जीवन के गुर बताने के साथ ही आपसी सामन्जस्य बनाकर एक दूसरे के प्रति सदैव समर्पित होने के लिए प्रेरित करती है। कई इतिहासकारों ने इन्हें अपने लेखों में वरेश्वर व कल्याण सुंदरम के नाम से उल्लेखित किया है। यह प्रतिमा गणों यानि समाज को साथ लेकर सुखद दाम्पत्य जीवन की प्रेरणा देते हुए देखी जा सकती है। यहां पूरे साल नवदम्पति व पारिवारिक विवादों के चलते परेशान युगल विशेष पूजन अर्चन कराने के लिए आते रहते हैं। सावन में दम्पति की संख्या बढ़ जाती है।