Encephalitis Global Health Crisis : तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में जापानी एन्सेफलाइटिस (Japanese Encephalitis - JE) के खिलाफ एक बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है, जिसमें 2.99 लाख से ज्यादा बच्चों को यह टीका लगाया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि यह 'जापानी बुखार' आखिर है क्या, और क्यों WHO जैसी संस्थाएं इसे लेकर इतनी गंभीर चेतावनी जारी कर रही हैं? (WHO Encephalitis Warning)
जापानी एन्सेफलाइटिस एक खतरनाक वायरल बीमारी है जो संक्रमित क्यूलेक्स विष्नुई (Culex vishnui) मच्छर के काटने से फैलती है। यह सीधे हमारे ब्रेन पर हमला करती है जिससे दिमाग में सूजन आ जाती है। इस बीमारी को अक्सर लोग साधारण बुखार समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर समय पर इसका इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकती है या मरीज को जीवनभर के लिए विकलांग बना सकती है।
WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, एन्सेफलाइटिस को अक्सर कम आंका जाता है, जबकि यह दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत और विकलांगता का कारण बन रहा है। भारत में भी इसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
तिरुनेलवेली में शुरू हुआ यह टीकाकरण अभियान इस खतरे को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यहां 1 से 15 साल की उम्र के करीब 3 लाख बच्चों को यह सुरक्षित टीका लगाया जाएगा।
1 से 2 साल के बच्चों के लिए: यह टीका जांघ के ऊपरी हिस्से में लगाया जाएगा।
3 से 15 साल के बच्चों के लिए: यह टीका दाहिनी ऊपरी बांह में दिया जाएगा।
अगर टीके के बाद बच्चों को हल्का बुखार या दर्द हो तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। डॉक्टर ने पैरासिटामोल देने की सलाह दी है। अगर कोई और गंभीर लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत सरकारी अस्पतालों या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में संपर्क करें। इमरजेंसी मेडिकल सहायता के लिए 104 हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध है।
एन्सेफलाइटिस के लक्षण पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके। इसके कुछ मुख्य लक्षण हैं:
अगर आपके आसपास किसी भी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। देर करने से मरीज को मानसिक कमजोरी, मिर्गी, और लगातार थकान जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और एन्सेफलाइटिस इंटरनेशनल जैसी संस्थाएं इस बीमारी से लड़ने के लिए एकजुट हो रही हैं। एन्सेफलाइटिस इंटरनेशनल ने "काउंटडाउन टू चेंज" अभियान भी शुरू किया है ताकि इस बीमारी के लिए बेहतर निदान और इलाज की व्यवस्था की जा सके।
लेकिन सिर्फ सरकारी प्रयासों से काम नहीं चलेगा हमें भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
टीकाकरण: जापानी एन्सेफलाइटिस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है। अपने बच्चों को समय पर टीका लगवाएं।
स्वच्छता: मच्छरों को पनपने से रोकें। अपने घर और आसपास साफ-सफाई रखें, पानी को जमा न होने दें।
जागरूकता: इस बीमारी के लक्षणों को पहचानें और अपने परिवार तथा दोस्तों को भी इसके बारे में जानकारी दें।
जापानी एन्सेफलाइटिस एक खतरनाक बीमारी जरूर है लेकिन सही जानकारी और समय पर उठाए गए कदमों से हम इससे लड़ सकते हैं और अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित रख सकते हैं।
Updated on:
13 Aug 2025 06:20 pm
Published on:
13 Aug 2025 06:19 pm