Fake medicine List 2025 : बीपी, शुगर, विटामिन, एंटीबायोटिक्स जैसी जिन दवाओं को हम नियमित सेवन करते हैं। उसको लेकर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने जून 2025 में किए गए जांच की रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की। इस लिस्ट में 185 दवाएं गुणवत्ता के आधार पर खरी नहीं उतरी हैं। साथ ही चार दवाओं को नकली पाया गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से भी इसको लेकर जानकारी दी गई है।
शुक्रवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने अपनी जून 2025 की निगरानी रिपोर्ट में चार दवाओं के कुछ बैचों को नकली (Spurious Drugs) करार दिया है। इसके साथ ही 185 अन्य दवाओं और फार्मुलेशनों को मानक गुणवत्ता (NSQ) के अनुरूप नहीं पाया है।
सीडीएससीओ की जानकारी अनुसार, एंटीबायोटिक Taxim-O 200 और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली Rosuvas F10 और F20 टैबलेट्स शामिल है, जिनका इस्तेमाल हृदय रोग के जोखिम को घटाने में होता है। इसके अलावा नसों में सूजन और थक्के के इलाज में इस्तेमाल होने वाला Thrombophob ऑइंटमेंट (क्रीम) भी नकली पाया गया है।
जून 2025 में 185 घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं में से 55 सैंपल कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, गुवाहाटी और चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं में फेल पाए गए, जबकि बाकी 130 सैंपल राज्यों की प्रयोगशालाओं में फेल हुए।
रिपोर्ट के अनुसार, Taxim-O को Alkem Laboratories और Rosuvas को Sun Pharma मार्केट करती है। हालांकि नकली दवाओं को बनाने वाले असली निर्माता नहीं हैं। इसको लेकर संबंधित ब्रांड के वास्तविक निर्माताओं ने सीडीएससीओ को स्पष्ट किया है कि जिन बैचों को नकली पाया गया है, वे उनके द्वारा बनाए ही नहीं गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार ने जानकारी दी कि नकली दवाओं के ये सैंपल्स तेलंगाना (2 सैंपल) के अलावा बिहार और दिल्ली (1-1 सैंपल) से मिले हैं।
मंत्रालय ने कहा, “मामले की जांच जारी है और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
CDSCO के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि “मानक गुणवत्ता से कम (NSQ) और नकली दवाओं को बाजार से हटाना केंद्र और राज्य औषधि नियंत्रकों की साझा जिम्मेदारी है, जिसके लिए नियमित निगरानी और छापेमारी की जाती है।”
Updated on:
19 Jul 2025 06:57 pm
Published on:
19 Jul 2025 04:57 pm