Donor Human Milk Safety: डोनर ह्यूमन मिल्क यानी किसी और मां का दूध उन बच्चों को दिया जाता है जो समय से पहले पैदा हुए हैं या जिनकी मां दूध नहीं पिला सकतीं। यह दूध पोषण के लिए जरूरी होता है, लेकिन हाल ही में KGMU लखनऊ के शोध में यह सवाल खड़ा हो गया है, क्या यह दूध वास्तव में सुरक्षित है?
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की डॉक्टर शीतल वर्मा की टीम ने डोनर मिल्क के 151 सैंपल की जांच की। इनमें से 61% सैंपल में बैक्टीरिया पाए गए। 54 सैंपल में पॉजिटिव बैक्टीरिया पाए गए हैं। साथ ही 39 सैंपल में नेगेटिव बैक्टीरिया मिले हैं। सबसे ज्यादा Staphylococcus, जो 49 सैंपल में मिले थे। इसके अलावा Acinetobacter, Pseudomonas, Enterococcus, और Klebsiella जैसे बैक्टीरिया भी पाए गए है।
इनमें कई बैक्टीरिया एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट थे यानी सामान्य दवाओं से खत्म नहीं होते। यह बच्चों के लिए गंभीर खतरा हो सकता है, खासकर उनके लिए जो कमजोर या समय से पहले जन्मे हैं।
डोनर मिल्क सही तरह से पास्चराइज होना चाहिए। मां अगर बार-बार एंटीबायोटिक लेती है, तो दूध में भी उसका असर आता है। दूध देने से पहले उसकी हाइजीनिक टेस्टिंग जरूरी है।
अगर यह दूध सही तरीके से पास्चराइज या जांचा-परखा न जाए, तो इसमें बैक्टीरिया, खासकर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं, जो बच्चों की सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। इसलिए बच्चों को डोनर मिल्क देने से पहले उसकी गुणवत्ता और स्वच्छता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
Updated on:
03 Aug 2025 03:30 pm
Published on:
03 Aug 2025 03:28 pm