Chicken Meat Cause Cancer : चिकन और मीट खाने से कैंसर हो सकता है क्या? इस बात को लेकर चर्चा तब अधिक छिड़ी जब साउथ इटली की शोध संस्थान ने एक स्टडी में ये पाया कि एक सप्ताह तक 300 ग्राम तक चिकन खाने से कैंसर का रिस्क होता है। इसके अलावा इंटरनेट पर भी अक्सर मांस-मछली का लिंक कैंसर से जोड़ा जाता है। इस बात को समझने के लिए हमने 20 साल से कैंसर मरीजों की सर्जरी कर रहे डॉक्टर से बातचीत की। आइए, हम कैंसर रिस्क (Cancer Risk) व चिकन-मीट के कनेक्शन (Chicken Meat Cancer Link) को समझते हैं।
जब इस तरह की बात होती है तो मांसाहारी लोगों के लिए ये चिंता बढ़ जाती है। अगर आप भी चिकन, मटन, मछली, अंडा खाते हैं तो इस बात को समझ लें।
कैंसर सर्जन डॉ. जयेश शर्मा ने बातचीत में बताया कि चिकन, मटन, मछली, अंडा ये सभी चीजें हमारे आहार का हिस्सा हैं। हमारे शरीर को इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की जरूरत है। इन चीजों का सीधे तौर पर कैंसर से कनेक्शन नहीं है। हां, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि इनसे नहीं हो सकता है। इसको लेकर शोध भी हुए हैं।
साल 2025 में साउथ इटली में एक रिसर्च पर बवाल मचा। इसमें ये कहा गया कि अगर कोई सप्ताह में 300 ग्राम चिकन खाता है तो उससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का रिस्क (Gastrointestinal Cancer Risk) करीब 26 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
विवरण | पुरुष | महिला | कुल संख्या |
GI कैंसर का अनुपात (2012–2016) | 60.5% | 39.5% | ---- |
GI कैंसर के नए मामले- वर्ष 2022 | ---- | ---- | 2,79,000 |
अनुमानित मौतें- वर्ष 2022 | ----- | ---- | 2,31,000 |
कैंसर सर्जन डॉ. जयेश शर्मा कहते हैं कि इस स्टडी से कैंसर रिस्क होने की संभावना वाली बात साफ होती है। ऐसे में हमें चिकन, मटन, मछली, अंडा का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए। अगर आप अत्याधिक सेवन करते हैं तो इससे कैंसर सेल्स के जन्म लेने की संभावना हो सकती है। इसके अलावा चिकन, मटन को पकाने पर भी काफी कुछ निर्भर करता है। इसलिए आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। साथ ही पैकिंग वाले चिकन-मटन से बेहतर है कि ताजा व स्वस्थ चिकन का सेवन करें।
कैंसर काउंसिल ऑस्ट्रेलिया (cancer.org.au) की जानकारी के मुताबिक, चिकन से कैंसर रिस्क की बात कई शोध में पता चलती है। वहीं, इसके अलावा चिकन, मटन या मछली को बारबेक्यू (कोयला या अन्य आग पर सेंकना) करके खाना भी कैंसर के रिस्क को बढ़ाने का काम करता है। इसलिए बारबेक्यू चिकन, मटन आदि को खाने से बचना चाहिए।
चिकन व अंडा प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। वहीं, आयरन (iron), जिंक (zinc), विटामिन बी 12 (vitamin B12) रेड मीट में मिलते हैं। ये सभी चीजें स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है। ऐसे में इनको अपनी डाइट से हटाना बीमारियों को दावत देने की तरह है। इसलिए इनको नियमित व पर्याप्त मात्रा में सेवन करना सही होता है।
ऐसे में सवाल उठता है कि चिकन कितना खाना चाहिए। इसके लिए आप अमेरिकियों के लिए आहार दिशानिर्देश 2020-2025 को देख सकते हैं। इसके अनुसार, चिकन, टर्की, बत्तख के मांस को सप्ताह में एक से तीन बार लगभग 100 ग्राम तक खाने की सलाह देते हैं।
कैंसर काउंसिल ऑस्ट्रेलिया (cancer.org.au) की जानकारी के मुताबिक, 100 ग्राम तक पका चिकन खाना सही माना जाता है। साथ ही 02 अंडे का सेवन भी कर सकते हैं।
डॉ. जयेश शर्मा कहते हैं, चिकन, मटन की गुणवत्ता पर भी कई बात निर्भर करती है। इनको खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें। साथ ही इनका अत्याधिक सेवन करने से बचें और अपनी थाली में पोषक तत्वों का ध्यान रखें। ये सभी चीजें आपको स्वस्थ रखने मे मददगार साबित होगी। साथ ही कैंसर जैसी बीमारियों से भी काफी हद तक बचने मे मदद मिलेगी।
Updated on:
19 Jul 2025 06:58 pm
Published on:
19 Jul 2025 02:40 pm