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हाथरस। सिगरेट पीने वालों के लिए बहुत बुरी खबर है। धूम्रपान से उनका जीवन कम हो जाता है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित आनन्दपुरी कालोनी के राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र के सानिध्य में मेडिकल विंग के सौजन्य से ‘‘मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान’’ के अन्तर्गत बागला कॉलेज के मैदान में व्यसन मुक्ति शिविर एवं सर्वधर्म सद्भाव शिविर का आयोजन हुआ। चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से ब्रह्मावत्सों ने बताया कि हर सिगरेट मनुष्य के लगभग 6 से 8 मिनट जीवन के कम कर देती है। यह जानते हुए भी सिगरेट और बीड़ी का उपयोग निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। सिगरेट न पीने की सलाह और प्रचार होता रहता है लेकिन जानबूझकर लोग मौत को गले लगाने लगे हैं।
सिगरेट के धुएं से होती है फसल नष्ट
एक सिगरेट के धुएं में फसलों के हानिकारक कीटों को नष्ट करने के लिए प्रतिबन्धित डीडीटी, दीमक को नष्ट करने वाली आर्सेनिक, कलकारखानों से निकलने वाला कार्बन मॉनो आॅक्साइड एवं कार्बनडाई ऑक्साइड आदि 40 से भी अधिक विषैली गैसें निकलती हैं। उपचार बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहला उपचार है स्वयं पर नियंत्रण रखना, होम्योपैथी दवाओं के सहयोग से भी इनसे मुक्त हुआ जा सकता है। कई लोगों को इससे आराम मिला है। इसके अलावा भी कई तरीेके अपनाएं जाते रहेे हैं।
सिगरेट है मौत की सीढ़ी : बीके शांता *****
इस अवसर पर सभी धर्मों की आत्माओं के परमपिता परमात्मा शिव का सत्य सनातन परिचय देने तथा लोगों में सद्भाव जागृति के लिए शिव दर्शन आध्यात्मिक प्रदर्षनी का भी आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्षनी को ‘सण्डे हो या मण्डे, नशे को मारो डण्डे, ढाई इंच की बीड़ी है यही मौत की सीढ़ी है, सर्वश्रेश्ठ नशा नारायणी नशा’’ आदि प्रेरणादायी स्लोगनों से सजाया गया है। इस अवसर पर व्यसनमुक्ति कार्यक्रम कोर्डीनेटर बीके शांता ने बताया कि सिगरेट पीने से शुरु में शरीर पर कोई प्रभाव नहीं दिखता लेकिन धीरे धीरे आदमी को खत्म कर देता है।
Published on:
26 Nov 2017 04:35 pm
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