Bank News- मध्यप्रदेश के ज्यादातर सहकारी बैंक दीवालिया होने की कगार पर हैं। गबन और भ्रष्टाचार के कारण कई बैंकों में जमाकर्ताओं के पैसे देने के लिए राशि ही नहीं बची है। बेचारे उपभोक्ता बिना पैसों के ही वापस लौटने को मजबूर हैं। कुछ ऐसा ही हाल हरदा जिले के रहटगांव सहकारी बैंक का भी है जहां से मूंग फसल के पैसे निकालने को लेकर किसान परेशान हो रहे हैं। बैंक में आई अपनी लाखों रुपए की राशि लेने जा रहे किसानों को 10-20 हजार रुपए थमाकर वापस लौटाया जा रहा है। इधर बैंक प्रबंधन ने सफाई दी है कि स्टेट बैंक से पैसा नहीं आने के कारण बैंक में केश नहीं बचा है।
रहटगांव क्षेत्र के किसानों ने उपार्जन केंद्रों पर मूंग बेची पर इसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। मंगलवार को किसानों ने बैंक पहुंचकर राशि नहीं मिलने की समस्या अधिकारियों को बताई।
किसानों ने बताया कि उनकी उपज का पैसा जिला सहकारी बैंक रहटगांव के खातों में पहुंचा है। बैंक में किसानों को नगद भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिनकी लाखों की राशि आई है उनमें किसी को 5000 तो किसी को 10000 ही मिल पाते हैं। इससे किसान परेशान हैं।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि किसानों के करोडो़ं रुपए का भुगतान एनएफटी, आरटीजीएस से करना बाकी है। इधर बैंक एक दिन में कुछेक लाख रुपए ही दे पा रही है। ऐसे में किसानों को बैंक के चक्कर लगाना पड़ रहा है।
प्रभावित किसान बबलू पटेल, दुर्गा गौर, आनंदसिंह, विवेक गुर्जर, बेनीशंकर गौर, दीपक गौर, सालकराम यादव ने बताया कि खाते में पैसे आए हुए 10 दिन से ऊपर हो गया है लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला। बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। कई किसानों ने बताया कि वे 45 किमी दूर वनग्राम से आ रहे हैं पर हमारा ही पैसा हमें ही नहीं दिया जा रहा है।
किसान बबलू पटेल ने बताया कि अब तो बैंक कर्मचारी एनएफटी और आरटीजीएस भी नहीं कर रहे हैं। मूंग की फसल के लिए हमने खाता नंबर दूसरी बैंकों का दिया था, फिर भी हमारी राशि जिला सहकारी बैंक के खातों में आ गई है। यहां के अधिकारी कहते हैं कि 5 दिन बाद यह काम करेंगे। किसान परेशान हो रहा है और जिला सहकारी बैंक के अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर उनकी परेशानी और बढ़ा रहे हैं।
किसानों का कहना है कि जब बैंक में हमारा लाखों रुपया आया है तो 10 हजार और 20 हजार क्यों दे रहे हैं। हमें हमारा पूरा पैसा इकट्ठा मिलना चाहिए। किसानों ने जिला सहकारी बैंक कर्मचारियों के व्यवहार पर आपत्ति उठाई। रुपए निकालने के लिए विड्राल तक देने में उन्हें परेशानी होती है। सुबह यहां आते ही कर्मचारी द्वारा किसानों को यह कह दिया जाता है कि आज मात्र 10 हजार रुपए ही दिए जाएंगे।
जिला सहकारी बैंक, रहटगांव के मैनेजर ओपी श्रीवास ने पूरे मामले में स्पष्टीकरण पेश किया है। उनका कहना है कि स्टेट बैंक से पैसा नहीं आने के कारण यह परेशानी हो रही है। इसके कारण बैंक में केश नहीं है। ऐसी स्थिति में किसानों को आरटीजीएस और एनएफटी की जा रही है।
Updated on:
06 Aug 2025 05:32 pm
Published on:
06 Aug 2025 05:31 pm