हनुमानगढ़. हरियाली यूं तो दिल को सुकून देती है। मगर इन दिनों हरियाली बढ़ाने के लक्ष्य ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को हलकान कर रखा है। शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने वीसी में प्रत्येक विद्यार्थी से प्रतिदिन दस पौधे लगाने का मौखिक आदेश दिया है। मतलब कि दस अगस्त तक तीन सौ पौधे प्रत्येक विद्यार्थी को लगाने हैं।
इसी अवधि में शिक्षकों को साढ़े चार सौ पौधे लगाने हैं यानि हर दिन 15 पौधे। इस तरह जिले में 10 करोड़ 35 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। जबकि पूर्व में शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं तक के बच्चों से 10-10 पौधे तथा नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों से 15-15 पौधे लगाने के निर्देश दिए थे। अब प्रत्येक विद्यार्थी से प्रतिदिन दस पौधे लगाने संबंधी मंत्री के मौखिक आदेश के बाद से संस्था प्रधानों व शिक्षकों की सिरदर्दी बढ़ गई है। स्थिति यह है कि पिछले कई दिनों से विद्यालयों में पौधों की व्यवस्था करने, उनको लाने, गड्ढ़े खोदने, विद्यार्थियों को पौधे वितरण करने, पौधरोपण आदि की ही चर्चा है। फिलवक्त पढ़ाई से ज्यादा पौधरोपण का लक्ष्य हासिल करना प्राथमिकता बना हुआ है।
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले के राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में तीन लाख 30 हजार विद्यार्थी नामांकित हैं। प्रति विद्यार्थी 300 पौधों के हिसाब से नौ करोड़ 90 लाख पौधों की जरूरत होगी। वहीं शिक्षा विभाग के जिले में 10 हजार शिक्षक आदि कर्मचारी हैं, उनको साढ़े चार सौ पौधे लगाने हैं। इस हिसाब से 45 लाख पौधों की आवश्यकता होगी। इतने पौधे एक माह के भीतर तो वन विभाग और निजी नर्सरी में भी उपलब्ध नहीं होंगे।
पौधों के संबंध में तीन विकल्प दिए गए हैं। पहला पौधा लगाना, दूसरा पेड़ों की टहनियां रोपित करना और तीसरा बीजरोपण। जानकारों के अनुसार बीजरोपण से लक्ष्य हासिल करने में काफी मदद मिल सकती है। दस रुपए में फूलों वाले पौधों के 500 बीज का पैकेट मिल जाता है। जैसे कि बाड़ बनाने के लिए अर्लियर के बीज किलो के हिसाब से मिलते हैं। यह मौसम अंकुरण के लिए भी अच्छा है। एसयूपीडब्ल्यू, स्काउट, एनसीसी, एनएसएस, एसपीसी आदि मद से एक हजार रुपए में हजारों बीज क्रय किए जा सकते हैं।
शिक्षक कहते हैं कि कई दिनों से पौधरोपण संबंधी कार्य में ही जुटे हुए हैं। अगर मंत्री के आदेश के अनुसार पौधे लगाने लगे तो समय इसी में बीत जाएगा, फिर पढ़ाएंगे कब। पौधों की जीयो टैगिंग को लेकर जो एप दिया गया है, उसमें पौधा लगाने से पहले गड्ढ़े की फोटो अपलोड करनी है। इसमें पौधरोपण से ज्यादा समय लगता है। इस तरह के अव्यावहारिक कार्य देने से पहले सरकार को सोचना चाहिए।
Published on:
14 Jul 2025 12:25 pm