अपर सत्र न्यायालय ने अवैध कॉलोनी के मामले में साक्ष्य पेश नहीं किए जाने को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को एक पत्र लिखा है। कोर्ट ने अशोक गोयल व यश गोयल के खिलाफ दायर परिवाद पत्र में साक्ष्य पेश नहीं किए जाने वाले अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि इसमें अधिकारी की मिलीभगत सामने आ रही है।
दरअसल अशोक गोयल, यश गोयल गोसपुरा हल्के के सर्वे क्रमांक 2150, 2188, 2191, 2202 पर कॉलोनी काटकर प्लॉट विक्रय कर रहे थे। यह सर्वे क्रमांक गांधी रोड योजना का भाग थे। निगम ने कार्रवाई कर विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां परिवार पत्र पेश किया। इस परिवाद का यश गोयल व अशोक गोयल ने विरोध किया। दोनों की ओर से तर्क दिया कि ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया, जिससे साबित हो सके कि अवैध कॉलोनी काट रहे थे। प्लॉट विक्रय नहीं किए जा रहे थे। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने निगम का परिवाद स्वीकार कर लिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ अपर सत्र न्यायालय में अपील दायर की। अपील में अशोक गोयल व यश गोयल ने तर्क दिया कि पहले भी इस तरह का परिवाद पत्र दायर किया था, जिसमें साक्ष्य नहीं थे और परिवाद पत्र खारिज हो गया था। फिर से वैसा ही परिवाद पत्र लेकर आए हैं। जिसमें दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। इसलिए आरोपों से मुक्त किया जाए। कोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। वास्तविक स्थिति से अवगत कराया है।
Published on:
05 Aug 2025 09:35 pm