Registration Department पंजीयन विभाग में एक बाद एक फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। न भूमि का पिछला रिकॉर्ड देख रहे और न दस्तावेज। सिर्फ उप पंजीयक धड़ल्ले से रजिस्ट्री कर रहे हैं। ऐसे ही दो अलग अलग मामले सामने आए हैं। पटेल नगर रोड पर स्थित 6 हजार 331 वर्गफुट (सिल्वर ओख होटल के पास) के व्यवसायिक प्लॉट की पावर ऑफ अटॉर्नी दो दिन पहले निरस्त हो गई। उसके दो दिन रजिस्ट्री की गई। व्यवसायिक प्लॉट रोड से हटकर अंदर हो गया।
आवासीय भूमि की स्टांप ड्यूटी लगाई। रजिस्ट्री में हुए फर्जीवाड़े को भी उप पंजीयक ने नहीं देखा और लाखों रुपए की स्टांप ड्यूटी की चोरी कर शासन को चपत लगा दी। इस फर्जीवाड़े का मामला थाने भी पहुंचा है। पुलिस अधीक्षक के यहां भी शिकायत की है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में भी पूरा फर्जीवाड़ा आ गया है, लेकिन न उप पंजीयक पर कार्रवाई हुई और न दस्तावेज लेखक पर।
रजिस्ट्री के वक्त पॉवर ऑफ अटॉर्नी सर्वर में नहीं दिखती है। भूमि वृत्त-2 में आती है। पुराना मामला है। वर्तमान में वृत्त-1 में हूं। इसलिए याद नहीं है, लेकिन रजिस्ट्री देखने के बाद ही सही फैक्ट बता सकता हूं।
कैलाश वर्मा, उप पंजीयक
पावर ऑफ अटॉर्नी में प्लॉट व्यवसायिक दर्ज है। रजिस्ट्री में उसे आवासीय बताया गया है। व्यवसायिक रेट से रजिस्ट्री होनी चाहिए थी। प्लॉट का निरीक्षण कर ड्यूटी की गणना करेंगे।
अशोक शर्मा, जिला पंजीयक
Published on:
20 Aug 2024 06:02 pm