ग्वालियर. पुलिस और ईडी के अफसर बनकर लोगों को लूटने वाले साइबर ठगों ने फिर हाथ मारा है। इस बार मध्य प्रदेश सहकारी दुग्ध संघ के रिटायर्ड तकनीशियन को पत्नी सहित पूरे 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर उनके बैंक खाते में जमा 7 लाख 10 हजार रुपए की ठगी की है। ठगों ने दिन रात बुजुर्ग दंपती को वीडियो कॉल से निगरानी में रखा। उन्हें आपस में बातें करने पर टोका टाकी की। यहां तक की घर से बाहर जाने उनके फोन को ऑडियो कॉल पर रखा। ठगों के शिकंजे से निकल कर दंपती ने पहले गोला का मंदिर थाने जाकर शिकायत की, लेकिन वहां शिकायत दर्ज नहीं हुई। उन्हें क्राइम ब्रांच भेजा गया यहां भी उनसे शिकायती आवेदन लेकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है।
जी-7 डेयरी कॉलोनी गोला का मंदिर निवासी अवनीश चंद्र मदनावत को साइबर ठगों ने 9 जुलाई को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर राना आनंद बनकर कॉल किया। उनसे कहा आपके मोबाइल की सिम दो घंटे में बंद होने वाली है। क्योंकि आपके आधार कार्ड से दिल्ली में दो सिम निकाली गई हैं। इनके जरिए 700 करोड़ से ज्यादा की रकम का लेन देन हुआ है। जिन लोगों ने पैसा ट्रांसफर किया है उन्होंने लेन देन पर इनकम टैक्स नहीं दिया है। यह जुर्म की श्रेणी में आता है। इसलिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है।
अवनीश चंद्र ने बताया उनके खाते में 7 लाख 31 हजार 244 रुपए जमा था। ठगों ने दो प्रतिशत रुपए छोड़कर 7 लाख 10 हजार रुपए फिरोजाबाद के खाते में ट्रांसफर कराया। उनसे कहा गया कि उनके नाम से सिम निकाल कर ठगी करने वालों से कोई तालमेल तो नहीं है इसलिए उनके खाते में जमा आरबीआई को भेजा जाएगा जांच पूरी होने पर रकम उनके खाते में लौटाई जाएगी। पूरी रकम ऐंठने के बाद पैसा नहीं लौटाया।
बुजुर्ग अवनीश चंद्र बताते हैं जब जमा पूंजी नहीं लौटी तो उन्हें शक हुआ गोला का मंदिर थाने जाकर घटना बताई उस वक्त ठग का कॉल आया था। टीआई हरेन्द्र शर्मा ने उसे फटकारा भी था। लेकिन कार्रवाई नहीं की। उनसे कहा गया कि यह थाने का मामला नहीं है क्राइम ब्रांच जाकर शिकायत करो। वहां भी आवेदन लिया है। अभी तक ठगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
Published on:
05 Aug 2025 02:27 am