- 34 करोड़ 58 लाख की 51 संपत्तियां होंगी नीलाम, निवेशकों का लौटाया जाएगा रुपया
- गणेश चतुर्थी पर ग्वालियर चंबल संभाग सहित देश भर के 12 हजार से ज्यादा निवेशकों के लिए अच्छी खबर
- चिटफंड कंपनी के आवेदनों का कलेक्ट्रेट में लगा है ढेर
ग्वालियर.केएमजे लैंड डेवलपर्स चिटफंड कंपनी के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। प्रशासन इस कंपनी की संपत्तियों को नीलाम करने की तैयारी शुरू कर दी है। नीलामी से जो रुपया आएगा, उससे निवेशकों की देनदारी चुकाई जाएगी। प्रशासन ने संपत्तियों का बाजार मूल्य तय करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी में जिला पंजीयक, पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री व तहसीलदार को शामिल किया है। जिला पंजीयक ने गाइडलाइन व बाजार मूल्य के हिसाब से संपत्तियों का आकलन बताया है, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट अलग-अलग है। इसलिए समानता लाई जा रही है।
केएमजे ने देशभर में चिटफंड का कारोबार किया था। धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से कंपनी में निवेश कराया। जब लोगों की पॉलिसी पूरी हो गई है तो पैसा लौटाने से मना कर दिया। इसको लेकर तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई। संपत्तियां कुर्क कर ली गई। डायरेक्टरों पर एफआईआर कराई गई। 2011 के बाद से निवेशक अपने पैसे के इंतजार में हैं, लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला है। कलेक्ट्रेट में आवेदन जमा कर चुके हैं। केएमजे के निवेशकों की संख्या हजारों में क्योंकि देश के अलग-अलग शहरों में इस कंपनी ने कारोबार किया था। ग्वालियर शहर सहित आसपास कृषि भूमि क्रय की थी। 67 संपत्तियां चिन्हित की थी, लेकिन 51 संपत्तियां केएमजे की हैं, जिन्हें नीलाम किया जाएगा। इन संपत्तियों की कीमत 34 करोड़ के करीब है।
विवाद चल रहा था कोर्ट में, इसलिए रुक गई थी नीलामी
केएमजे की संपत्तियों की नीलामी के लिए सूचना जारी की गई थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के निवेशकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने नीलामी पर रोक लगा दी थी, लेकिन निवेशकों ने अपनी याचिका वापस ले ली। इसके चलते स्थगन समाप्त हो गया। नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
- परिवार डेयरी के निवेशकों का पैसा मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद से मिलना बंद है। इसको लेकर प्रशासन ने ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन इस याचिका पर फैसला नहीं हुआ है। परिवार डेयरी के 55 हजार निवेशकों का पैसा मिलना है। इनके आवेदन कोर्ट कमिश्नर कार्यालय में पहुंच गए हैं।
- वैसे शहर सहित जिले में 100 से अधिक चिटफंड कंपनियों ने कारोबार किया था। धन दोगुना करने का लालच देकर कंपनी में करोड़ों रुपए जमा कराए। किराए के मकानों में ऑफिस खोले गए थे। इस कारण दूसरे राज्यों की चिटफंड कंपनियों की संपत्ति जिले में नहीं है, लेकिन निवेशकों के आवेदन जमा है। एक लाख से अधिक आवेदन कलेक्ट्रेट में जमा हैं।
- 2011 के बाद से पैसे का इंतजार कर रहे हैं। पैसा निवेश करने वालों में मजदूर वर्ग अधिक है। एजेंटों ने अपने परिचित व रिश्तेदारों के बीच निवेश कराया था। भविष्य की चिंता को लेकर चिटफंड कंपनियों में निवेश किया।
सात चिटफंड कंपनियों की कुर्क संपत्ति व उनका मूल्य
कंपनी कुल संपत्ति मूल्यांकन
केएमजे 51 34,58,49,123
परिवार डेयरी 55 73,51,02,434
गरिमा रियल एस्टेट 21 9,87,37,271
बीपीएन रियल एस्टेट 02 42,37,920
जीकेए मार्केटिंग लि. 02 15,17,670
उम्मीद कॉर्पोरेशन 01 96,61,108
स्काईलार्क लैंड डेवलपर्स लि. 01 56,58,000
योग 149 1,20,07,63,526
इनका कहना
- केएमजे सहित अन्य कंपनियों की संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया करना है। कार्य संभाले हुए एक सप्ताह से अधिक समय हुआ है। इनकी फाइलों के अध्ययन के बाद कुछ कह सकूंगा।
सीबी प्रसाद, अपर कलेक्टर
Published on:
27 Aug 2025 07:00 pm
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