Heavy Rain Havoc in MP: मानसून की बारिश से इस बार शहर सहित जिले में जनजीवन प्रभावित हो गया। मानसून जन पर भारी पड़ा है। आसमानी बिजली और कच्चे पक्के घर, पानी में डूबने से इस बार 18 लोगों ने अपनी जान गवाई है वहीं 30 पशुओं की भी मौत हुई और 800 कच्चे व पक्के घर ढह गए। मानसून की बारिश से घर से लेकर खेत तक भारी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं प्रशासन ने बारिश से हुई जनहानि व नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है। इस सर्वे में घर, पशुधन का सर्वे किया जा रहा है।
दरअसल एक जून से मानसून सीजन शुरू हो जाता है। मानसून आगमन के पहले प्री मानसून की हलचल शुरू हो जाती हैं। इस बार प्री मानसून ज्यादा नहीं बरसा, लेकिन दबे पांव 17 जून को मानसून ग्वालियर में पहुंच गया। इस कारण लोग अपनी तैयारी नहीं कर सके। इसके अलावा लगातार हुई बारिश से जलभराव हुआ। कच्चे व पक्के मकानों की दीवारों में पानी भर गया। पानी भरने से मकान धीरे-धीरे धंसक रहे हैं। अब बारिश थम गई है। दीवारों का पानी सूखने पर दीवारों में दरारें आएंगी। मकान और खतरनाक होंगे।
भारी बारिश के चलते नदी और नालों का पानी सड़कों पर आ गया। पुलिया व पुल पर रोड कट गए हैं। इससे आवागमन प्रभावित हुआ है। नॉन नदी का पानी इस बार भानगढ़ पुल पर दो बार आया। इस कारण ग्वालियर भितरवार मार्ग बंद रहा। लोगों को डबरा होते हुए ग्वालियर आना पड़ा।
हरसी हाई लेवल नहर में बारिश का पानी आ गया। इससे अमरोल गांव के पास में नहर टूट गई। नहर टूटने की वजह से जौरासी की ओर पानी जाना बंद हो गया है।
बारिश से पहले लोग अपनी तैयारी करते हैं, लेकिन बारिश ने तैयारी का मौका नहीं दिया। लगातार बारिश जारी रही। जिनके कच्चे घर थे, उनकी दीवारों में पानी न भरे, उसको लेकर लोग तैयारी नहीं की थी।
बंगाल की खाड़ी से आया कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ गया है। शुक्रवार को आसमान साफ हो गया और धूप निकल आई। बारिश थमने से लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन उमस बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार 4 अगस्त को फिर से भारी से मध्यम बारिश हो सकती है। क्योंकि एक चक्रवातीय घेरा विकसित हो रहा है। मानसून द्रोणिका (मानसून ट्रफ लाइन) भी ग्वालियर से होते हुए गुजर रही है। सिस्टम को देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।
शहर में कुल औसत बारिश आंकड़ा 1050.3 मिमी पहुंच गया है। अधिकतम तापमान 27.4 से बढ़कर 32.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
शहर में सात लोगों ने अपनी जान गंवाई है। शंकरपुर में तेज आंधी की वजह से टीन शेड उड़ गया। इस टीन शेड की चपेट में चार लोग आ गए। उनकी मौत हो गई। तीन लोगों की मौत मकान के धंसकने से हुई है। ये लोग पुराने मकान में रह रहे थे, जिसमें से गेंडेवाली सड़क पर छज्जा गिरने से दो की मौत हुई थी। इसके अलावा मुरार में बैसली नदी में बहने से एक बुजुर्ग की मौत हुई।
2024 में आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं अधिक हुई थी। इस बार आसमानी बिजली कम गिरी है, लेकिन मकान गिरने से उसकी चपेट में आ गए।
Updated on:
02 Aug 2025 12:59 pm
Published on:
02 Aug 2025 12:58 pm