रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को एक साल पूरा होने को आ गया है। कॉन्क्लेव से पहले व कॉन्क्लेव में उद्योगपति व व्यापारियों की परेशानी के बारे में जाना गया। इन समस्याओं को जानने के बाद कलेक्ट्रेट में निवेश प्रोत्साहन केंद्र खोला गया। इस केंद्र को कॉर्पोरेट की तर्ज पर शुरू किया गया। ताकि उद्योगपति को आने वाली परेशानी को दूर किया जाए। इसके शुरू होने के बाद 32 लोग इस केंद्र में पहुंचे। इन लोगों ने सरकारी जमीन की चाह अधिकारियों के सामने रखी, लेकिन क्या उद्योग लगाना चाहते हैं। प्रोजेक्ट रिपोर्ट क्या है। इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी। अब लोगों ने इसमें आना बंद कर दिया है। केंद्र का कार्यालय सूना पड़ा है।
दरअसल रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में व्यापारी व उद्योगपतियों को एनओसी की लेकर शिकायत थी। यदि उन्हें प्रदेश में इंडस्ट्री लगानी है तो एनओसी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। एनओसी आसानी से नहीं मिलती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए निवेश प्रोत्साहन केंद्र शुरू किया गया है। जिस व्यक्ति को इंडस्ट्रीज लगानी है, उसे केंद्र में प्रोजेक्ट की जानकारी देनी होती है। एनओसी सहित अन्य समस्याओं को प्रशासन द्वारा दूर कराया जाएगा।
- प्रदेश में निवेश को बढ़ाव देने के लिए इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की साइट पर पूरी जानकारी अपलोड की गई है। किस औद्योगिक क्षेत्र में कितने प्लॉट खाली पड़े हैं। उसे हासिल करने की क्या प्रक्रिया है।
- केंद्र में आने वाले उद्योगपतियों को इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की साइड के संबंध में भी बताया जा रहा है।
केस-1: अजय मित्तल मोबाइल एसेसरीज बनाने की इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं। वह अपने लिए शहर के आसपास जमीन लीज पर मांग रहे हैं। एसेसरीज निर्माण की फैक्ट्री का प्रोजेक्ट लेकर केंद्र में नहीं पहुंचे।
केस-2:केके गुप्ता सीमेंट का कारोबार करना चाहते हैं। ये तीन से चार बीघा सरकारी जमीन लीज पर लेना चाहते है। सीमेंट कारोबार के बारे में ही बताया। रमेश डिगवाय मिनी राइस मिल लगाना चाहते है।
Published on:
18 Jul 2025 11:19 am