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डिजिटल प्रेमी ने किया फरेब हताश प्रेमिका पाकिस्तान बार्डर पहुंची, दोस्त बनकर पुलिस ने ढूंढा

ग्वालियर. डिजिटल इश्क के जाल में फंसी महिला तीन महीने बाद 9 साल के बेटे समेत कहनुवान (पाकिस्तान बार्डर के पास ) मिली है। खास बात है महिला तक पहुंचने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया को जरिया बनाया। बहोडापुर थाने में पदस्थ हवलदार जयराम यादव ने पहचान छिपाकर इंस्टाग्राम पर हमदर्द बनकर उससे दोस्ती […]

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ग्वालियर. डिजिटल इश्क के जाल में फंसी महिला तीन महीने बाद 9 साल के बेटे समेत कहनुवान (पाकिस्तान बार्डर के पास ) मिली है। खास बात है महिला तक पहुंचने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया को जरिया बनाया। बहोडापुर थाने में पदस्थ हवलदार जयराम यादव ने पहचान छिपाकर इंस्टाग्राम पर हमदर्द बनकर उससे दोस्ती की चैटिंग में महिला ने खुलासा किया वह पाकिस्तान बार्डर के पास गांव में है लेकिन उससे मिलने कहनुवान आ सकती है। हवलदार यादव ने बताया मुलाकात की तारीख और वक्त तय कर महिला के पति और ससुराल वालों को लेकर कहनुवान जाकर उसे दस्तयाब कर परिजन को सौंपा।

प्रेमी को सोता छोड़ा, बेटे समेत लापता हुई

पुलिस का कहना है महिला कुलविंदर कौर (परिवर्तित नाम) मूलत: अमृतसर (पंजाब) की रहने वाली है। पिछोर (डबरा) में उसकी ससुराल है। कुलविंदर की सोशल मीडिया पर अनजान युवक से दोस्ती और इश्क हो गया। डिजिटल आशिक खुद को अमृतसर का रहने वाला बताकर धोखा देता। डिजिटल इश्क में फंसी कुलविंदर ने भी उसका नाम पता तक नहीं पूछा। फरेबी भरोसा दिलाता रहा कि पति को छोडक़र आएगी तो उसे पत्नी बनाएगा। झांसे में आकर कुलविंदर ने भागने का प्लान बनाया। इसलिए बेटे (9) को पढ़ाने का हवाला देकर तीन महीने पहले बहोडापुर में किराए के मकान लिया। पति और बेटे को लेकर यहां आ गई। प्लान के मुताबिक 24 अगस्त को पति को सोता छोडक़र बेटे को लेकर रवाना हो गई। लेकिन उसके आने की खबर सुनकर डिजिटल आशिक मोबाइल बंद कर लापता हो गया।

गुरुद्वारों में काटा वक्त, भटकती रही

कुलविंदर ने पुलिस को बताया, प्रेमी के धोखे से हताश हो गई। उसकी तलाश में अमृतसर, गुरुदासपुर, भटिंडा में भटकती रही। यहां गुरुद्वारों में पनाह लेकर वक्त गुजारा। इस दौरान खागर (पाक बार्डर से सटे गांव) निवासी सतविंदर सिंह से मुलाकात हुई। सतविंदर पेशे से ड्राइवर है मदद का भरोसा दिलाकर उसे और बेटे को साथ ले आया। तब से उसके साथ थी।

इंस्टाग्राम आईडी से मिला सुराग

हवलदार जयराम यादव ने बताया,कुलविंदर मोबाइल ले गई थी लेकिन सिम तोड़ दी थी। सतविंदर के घर पहुंचने के बाद वाय फाई से कभी कभी इंटरनेट चला रही थी इसलिए उसकी इंस्टाग्राम आईडी चालू थी। उसकी आइडी पर कई बार मैसेज भेजे लेकिन वह जवाब नहीं देती थी। कुछ दिन पहले कुलविंदर ने उनके मैसेज का जवाब दिया तो दोस्त बनकर बातों का सिलसिला बढ़ाया उसे यहीं नहीं बताया कि वह पुलिस में हवलदार हैं। भरोसे में लेकर मुलाकात के लिए कहनुवान बुला कर लोकल पुलिस की मदद से उसे कब्जे में लेकर परिजन के सुपुर्द किया।