ग्वालियर.शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए रायरू से बहोड़ापुर चौराहा तक एबी रोड को फोरलेन बनाया जा रहा है। इसमें रायरू से मोतीझील तक काम हो चुका है, लेकिन मोतीझील से बहोड़ापुर चौराहा तक सड़क चौड़ीकरण के लिए जगह नहीं मिलने से निर्माण कार्य बंद है। जिन लोगों के मकान व दुकान सड़क चौड़ीकरण में आ रहे थे, उन्होंने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया है कि फॉर लेने के लिए जितनी सड़क की जरूरत है उससे कहीं अधिक शासकीय जगह खाली पड़ी हुई है, जो अनुपयोगी नैरोगेज रेलवे ट्रैक के कारण स्थानीय प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
जबकि नैरोगेज ट्रेन अंब बंद है और पटरी वर्षों से ऐसे ही पड़ी हुई है। लोगों का कहना है कि फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में बेवजह लोगों की संपत्ति को नहीं तोड़ा जाए। इसको लेकर सभी लोगों ने व चैंबर की ओर से केंद्रीय मंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री, पीडब्ल्यूडी सहित कलेक्टर व कई अफसरों को पत्र भेजे गए हैं। इसके बाद कलेक्टर ने इस मामले में टीम गठित कर दी है और टीम निरीक्षण कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है, निर्माण कार्य में नैरोगेज की खाली पड़ी जमीन को लिया जाए, उसके बाद ही वह अपना हिस्सा निर्माण कार्य में देंगे।
मोतीझील से बहोड़ापुरा चौराहे तक प्रस्तावित फोरलेन में मोतीझील, बहोड़ापुर, हनुमान घाटी, मरीमाता महलगांव क्षेत्र की करीब 200 दुकानें, मकान, संस्थान व खाली जमीन निर्माण कार्य में आ रही है। इसमें रायरू से मोतीझील तक तो अतिक्रमण को हटाया जा चुका है, वहीं मोतीझील से बहोड़ापुरा चौराहा तक अतिक्रमण हटाने के लिए लाल रंग से क्रॉस के निशान लगाए जा चुके हैं। लेकिन लोगों के विरोध के चलते निर्माण कार्य फिलहाल रोक दिया गया है।
कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा सड़क निर्माण को लेकर गठित टीम ने दो दिन पूर्व नैरोगेज रेलवे लाइन का निरीक्षण किया था। इसमें निगम आयुक्त संघ प्रिय, एसडीएम नरेश यादव व पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने नैरोगेज रेलवे लाइन का निरीक्षण कर सर्वे रिपोर्ट तैयार करने की बात कही है।
मोतीझील से बहोड़ापुरा चौराहा तक नैरोगेज पटरी तक खाली पड़ी जमीन पर सड़क का निर्माण कार्य कराया जाए। फोरलेने के लिए किसी दूसरे की संपत्ति को नहीं तोड़ा जाए। नैरोगेज पटरी पर अब ट्रेन भी नहीं चलती है और लंबे समय से ऐसे ही पड़ी हुई है।
केदारनाथ गुप्ता, स्थानीय निवासी
नैरोगेज पटरी पर कोई ट्रेन नहीं चलती है। हमने शासन से मांग की है कि इस खाली जमीन पर ही निर्माण कार्य कराया जाए। इसकी कवायद भी शुरू हो चुकी है।
राघवेंद्र सिंह, स्थानीय निवासी
Published on:
04 Aug 2025 07:30 pm