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संवाद, विमर्श, क्रिएटिविटी और कविताओं के नाम रहा गोरखपुर पुस्तक महोत्सव का तीसरा दिन

गोरखपुर पुस्तक महोत्सव प्रतिदिन सुबह 11:00 बजे से रात 8:00 बजे तक, 9 नवंबर तक खुला रहेगा। इसमें प्रवेश निःशुल्क है और सभी पुस्तकों पर 10% की छूट उपलब्ध है।

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फोटो सोर्स : पत्रिका, NBT पुस्तक महोत्सव

एनबीटी की ओर से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) में चल रहे नौ दिवसीय गोरखपुर पुस्तक महोत्सव 2025 के तीसरे कविताओं और संवाद की अनुगूंज सुनाई दी। आज का प्रमुख आकर्षण रहीं टेलीविजन पत्रकार निधि कुलपति। उनके साथ आयोजित संवाद सत्र का संचालन पत्रकार-कथाकार योगिता यादव ने किया।

बाल मंडप में दिखी शारीरिक और मानसिक रचनात्मकता

एनसीसीएल की ओर से आयोजित 12 स्कूलों के 500 से अधिक छात्रों ने पूरे दिन विभिन्न क्रिएटिव गतिविधियों में भाग लिया। जिसकी शुरुआत शालिनी बंसल द्वारा आयोजित "इनटू द स्टोरीलैंड" नामक एक इंटरएक्टिव कहानी सत्र से हुई, जहां युवा श्रोताओं ने एक चतुर छोटे खरगोश से मुलाकात की, जो आकार में छोटा लेकिन बुद्धि में तेज था - जिसने जंगल में सभी को चकमा दे दिया। कहानी से प्रेरित होकर, बच्चों ने खुद को याद दिलाते हुए खुद पर भरोसा किया कि वे स्मार्ट और आत्मविश्वासी हैं।

शीर्ष 25 नवोदित कलाकारों को किया गया सम्मानित

इसके बाद 1 नवंबर 2025 को आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जहां शीर्ष 25 नवोदित कलाकारों को एनबीटी, इंडिया द्वारा योग्यता प्रमाण पत्र और पुस्तकों से सम्मानित किया गया, जिन्हें 300 से अधिक प्रविष्टियों में से चुना गया था। इसके बाद हृषिकेश द्वारा आयोजित एक ऊर्जावान "बॉडी एंड डांस मूवमेंट वर्कशॉप" आयोजित की गई, जहां छात्रों ने कूदकर, नाचकर - शरीर और मन को तरोताज़ा किया। दिन का समापन सुधा सिंह के नेतृत्व में एक मजेदार "फन विद ओरिगामी" सत्र के साथ हुआ, जहां बच्चों ने पेपर फोल्डिंग की कला के माध्यम से रंगीन जानवरों का निर्माण किया।

विचारोत्तेजक और संवादपूर्ण रहे साहित्यिक सत्र

साहित्यिक संवाद की श्रृंखला में सोमवार 3 नवंबर को आयोजित पहले सत्र में अपनी सौम्य और प्रभावशाली छवि के लिए जानी जाने वाली वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार निधि कुलपति से संवाद सत्र का आयोजन किया गया। टेलीविजन के अपने प्रारंभिक दिनों से लेकर 35 वर्ष के अपने लंबे सफर पर विस्तार से बात की। एनबीटी की ओर से योगिता यादव के साथ हो रही इस रोचक और विचारपरक बातचीत में पत्रकारिता बदलते दौर, समाज में आ रहे बदलावों और इस व्यवसाय की अपेक्षाओं और चुनौतियों पर भी बात हुई। सत्र के उत्तरार्ध में गोरखपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी मंच पर मौजूद वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार से सवाल पूछे। विद्यार्थियों से संवाद के साथ ही निधि कुलपति ने अपनी दो कविताएं भी पढ़ीं।

दूसरा सत्र Women@workplace

विमर्श का एक और पहलू’ में लखनऊ से आईं सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी डॉ सत्या सिंह, झांसी से आईं चिकित्सक एवं लेखिका डॉ. निधि अग्रवाल ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस सत्र का समन्वयन जयपुर से आईं पत्रकार-कथाकार उमा ने किया। इसमें कार्यस्थल की विस्तृत परिभाषा पर बात करते हुए महिलाओं के सामने चुनौती बन रहे विभिन्न मुद्दों पर विचारोत्तेजक चर्चा हुई।

मिशन शक्ति में युवा कवियों ने पढ़ी अपनी कविताएं

इसके साथ ही दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और एनबीटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलन में शहर के युवा कवियों ने शानदार कविताएं पढ़ीं। सरवत जमाल की अध्यक्षता में इस कवि सम्मेलन में आशुतोष तिवारी, प्रशांत मिश्र ,सलीम मज़हर , निखिल पाण्डेय ,डा. चेतना , कुंवर सचिन, मृत्युंजय नवल,विनीता मिश्रा,चारु शीला, अमित उपाध्याय व आकृति विज्ञा 'अर्पण आदि ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम का संयोजन डा. सूर्यकांत जी ने किया। यह सत्र मिशन शक्ति पर आधारित रहा।

स्वर-नृत्य की जुगलबंदी में पेश की श्री राम कथा

सांस्कृतिक संध्या का आकर्षण रही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कथा। ‘स्टोरी घर’(Story Ghar) मौखिक कथाकथन की रसपूर्ण परंपरा और कथक की सुंदरता का अनूठा संगम है जिसे डॉ जयश्री सेठी और श्री शामिर ने अपनी आवाज में प्रस्तुत किया। जबकि इसे नृत्य के माध्यम से कथक नृत्यांगना श्वेता मिश्रा के निर्देशन में कीर्ति रस्तोगी और प्रियंका राय ने प्रस्तुत किया।

'थिएटर ऑफ द माइंड' का सजीव चित्र प्रस्तुत

यह प्रस्तुति नाटकीय कथा कथन, मधुर संगीत, सजीव ध्वनि प्रभाव और एलईडी पृष्ठभूमि का सम्मिलित अनुभव है। दो दक्ष कथावाचक सम्पूर्ण रामायण को मनमोहक आवाज़ तथा प्रभावशाली अभिव्यक्ति के साथ सुनाते हैं। उनकी वाणी से 'थिएटर ऑफ द माइंड' का सजीव चित्र प्रस्तुत किया। कथा में संलग्न खूबसूरत कथक नृत्य अंश ताल, गति और सौंदर्य जोड़कर समग्र अनुभव को और भी मोहक बना रहे थे।

हजारों पुस्तकों का किया जा रहा है प्रदर्शन

एनबीटी की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित इस गोरखपुर पुस्तक मेले में 100 से अधिक प्रकाशक और 200 पुस्तक स्टॉल शामिल हैं, जहां हिंदी, अंग्रेज़ी और विभिन्न भारतीय भाषाओं में हज़ारों पुस्तकों का प्रदर्शन किया जा रहा है।


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