सोमवार को रोडवेज कर्मचारियों ने अवैध रूप से चल रही डग्गामार बसों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रेलवे बस स्टेशन से लेकर यूनिवर्सिटी चौराहा होते हुए DM कार्यालय तक कर्मचारियों ने विरोध मार्च निकाला। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई और प्रशासन को दोषी ठहराया गया।
आज सुबह ही रेलवे बस अड्डे पर रोडवेज कर्मचारी इकट्ठा हुए और ‘डग्गामार बंद करो’, ‘प्रशासन होश में आओ’, जैसे नारे लगाते हुए यूनिवर्सिटी चौराहा पहुंचे। वहां से मार्च जिला अधिकारी कार्यालय की ओर बढ़ा, जहां कर्मियों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपने की तैयारी की।
रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि डग्गामार बसें बिना परमिट, बीमा और फिटनेस के सड़कों पर दौड़ रही है और रोडवेज की ही सवारियों को बैठा रंगीभाएं। इससे विभाग को हर दिन लाखों रुपये का घाटा हो रहा है। उनके अनुसार, सरकारी बसें खाली चल रही हैं जबकि डग्गामार बसें ठसाठस भरी हुई रहती हैं।
रोडवेज कर्मियों ने आरोप लगाया कि कई बार शिकायत और ज्ञापन देने के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। कर्मचारियों ने कहा कि परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की चुप्पी इस पूरे खेल को बढ़ावा दे रही है। इससे न केवल विभाग को नुकसान हो रहा है, बल्कि यात्री सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।
रोडवेज कर्मचारियों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द डग्गामार बसों के खिलाफ सघन जांच अभियान चलाया जाए और नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 10 दिनों के भीतर प्रशासन ने ठोस कार्रवाई नहीं की, तो वह बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा को प्रदेश सरकार को धोखे में रखा जा रहा है, सरकार के इरादों को प्रशासन पलीता लगा रहा है।
Published on:
04 Aug 2025 04:36 pm