गोंडा जिले में निजी अस्पतालों की मनमानी और अव्यवस्था एक बार फिर मानव जीवन पर भारी पड़ती नजर आई है। जिले में धड़ल्ले से चल रहे कुछ निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर केवल मुनाफाखोरी हो रही है। जहां मरीजों की जान की कोई कीमत नहीं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर न होने की स्थिति में नर्सिंग स्टाफ और सफाईकर्मी से प्रसव करवाया गया। जिससे महिला की जान चली गई। मामले में पीड़ित पति ने अस्पताल संचालक समेत स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
गोंडा जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के मेडिसिन हॉस्पिटल की है। जहां मृतका के पति सूरज ने गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। सूरज का कहना है कि 25 जून को उन्होंने अपनी पत्नी तारा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन इलाज में भारी लापरवाही बरती गई। जिसके चलते उसकी पत्नी की मौत हो गई।
पीड़ित पति सूरज के मुताबिक, जब वे अस्पताल पहुंचे थे। तो संचालक ने भरोसा दिलाया था कि जिले के अनुभवी चिकित्सकों में से किसी एक की देखरेख में प्रसव कराया जाएगा। उन्होंने वरिष्ठ डॉक्टरों के नाम लेकर आश्वस्त किया था कि इलाज सुरक्षित और बेहतर होगा। लेकिन अस्पताल की हकीकत कुछ और ही निकली।
प्रसव के समय कोई विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद नहीं था। इसके बजाय वहां मौजूद स्टाफ नर्स और एक सफाई कर्मचारी ने मिलकर डिलीवरी करवा दी। इस दौरान महिला की हालत बिगड़ती चली गई। लेकिन अस्पताल प्रशासन परिजनों को गुमराह करता रहा। जब परिजन बार-बार पूछते रहे तो उन्हें केवल यह कहा जाता रहा कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। अंततः लापरवाही ने महिला की जान ले ली।
नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मृतका के पति की तहरीर के आधार पर अस्पताल संचालक, डॉक्टर, नर्स और सफाईकर्मी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी सभाजीत सिंह को सौंपी गई है।
Updated on:
30 Jul 2025 06:14 pm
Published on:
30 Jul 2025 06:13 pm