
बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल तिवारी फोटो सोर्स विजुअल के स्क्रीनशॉट से पत्रिका
गोंडा में शिक्षा विभाग से जुड़े 15 करोड़ रुपये के टेंडर में कथित कमीशनखोरी का मामला सामने आया है। एंटी करप्शन कोर्ट ने इस मामले में बीएसए अतुल कुमार तिवारी, जिला समन्वयक (निर्माण) विद्याभूषण मिश्रा और जेम पोर्टल के जिला समन्वयक प्रेम शंकर मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। आरोप है कि तीनों अधिकारियों ने टेंडर मंजूरी के बदले 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी।
गोंडा जिले में भ्रष्टाचार से जुड़ा बड़ा मामला एंटी करप्शन कोर्ट के संज्ञान में आया है। मोतीगंज के रहने वाले ठेकेदार मनोज कुमार पांडे ने अदालत में वाद दायर कर आरोप लगाया कि उन्होंने शिक्षा विभाग के तहत 15 करोड़ के फर्नीचर सप्लाई का टेंडर लिया था। आरोप के अनुसार, टेंडर की स्वीकृति के लिए संबंधित अधिकारियों ने उनसे 15 प्रतिशत कमीशन, यानी लगभग 2.25 करोड़ रुपये की मांग की।
मनोज के मुताबिक, अधिकारियों ने 50 लाख रुपये अग्रिम रूप से देने को कहा था। उन्होंने करीब 26 लाख रुपये की राशि दे भी दी। लेकिन टेंडर फिर भी मंजूर नहीं किया गया। जब उन्होंने शेष रकम देने से इनकार किया। तो फरवरी 2025 में उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। और उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन कोर्ट के जज विपिन कुमार (तृतीय) ने बीएसए अतुल कुमार तिवारी समेत तीनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और तत्काल जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने पुलिस को सबूत जुटाने और पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने के निर्देश भी दिए।
इस बीच, बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने किसी से कोई कमीशन नहीं मांगा है। उन्होंने इसे अपनी छवि खराब करने की साजिश बताते हुए कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे और कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं।
Updated on:
03 Nov 2025 10:59 am
Published on:
03 Nov 2025 10:58 am
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