Ghaziabad: शिकायतकर्ता ने वसुंधरा और आसपास के इलाकों में सभी जल निकासी प्रणालियों की सफाई और बहाली के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करने की भी मांग की है। उन्होंने नगर आयुक्त को लिखित में जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है। ऐसा न करने पर उन्होंने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
शिकायतकर्ता वसुंधरा के सेक्टर 11 के निवासी अमित किशोर ने आरोप लगाया कि लाजपत नगर से वसुंधरा के बीच अवरुद्ध जल निकासी प्रणाली, गाद से भरे नाले और अवैध अतिक्रमणों के चलते जलभराव हो गया। इसके परिणामस्वरूप 23 जुलाई को उनकी मर्सिडीज GLA 200D कार पानी में डूब जाने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उन्होंने 26 जुलाई को नगर आयुक्त के नाम भेजे नोटिस में कहा कि जलनिकासी की व्यवस्था, नालों की सफाई नगर निकाय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इसलिए उनकी कार मरम्मत की पूरी लागत, मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 5 लाख रुपये का हर्जाना दिया जाए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अमित किशोर के वकील प्रेम प्रकाश के माध्यम से जारी नोटिस में कहा गया है, "जलभराव इतना ज्यादा था कि वाहनों का आवागमन असंभव हो गया और मेरे मुवक्किल की कार वहीं फंसी रही। जिससे यांत्रिक और विद्युत क्षति हुई।" इसमें आगे कहा गया है कि किशोर और अन्य निवासियों द्वारा की गई कई शिकायतों के बावजूद इलाके में जल निकासी की समस्या के समाधान के लिए अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।
किशोर ने अपने कानूनी वकील के माध्यम से दावा किया कि गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए कई घंटों तक लगातार प्रयास किए गए, लेकिन आखिरकार एक क्रेन का इंतजाम करना पड़ा, जिसके बाद गाड़ी को मरम्मत के लिए नोएडा स्थित मर्सिडीज सर्विस सेंटर ले जाया गया। कानूनी नोटिस में गाजियाबाद नगर निगम पर इलाके में खासकर सार्वजनिक नालों और पानी के निकास के लिए बनी खुली जमीन पर अवैध अतिक्रमण को पनपने देने का भी आरोप लगाया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा नाले पर अतिक्रमण हटाने के निर्देश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसमें कहा गया है, "स्पष्ट और विश्वसनीय जानकारी है कि आपका कार्यालय जानबूझकर नालियों के निकास मार्ग को अवरुद्ध करने वाले अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है, और कुछ मामलों में, नगर निगम के अधिकारियों ने ऐसे अतिक्रमणों को बढ़ावा दिया है या उनका संरक्षण किया है, जो सीधे तौर पर कानून और जनता के विश्वास का उल्लंघन है।"
कानूनी नोटिस का जवाब देते हुए, नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि किशोर लगातार शिकायतकर्ता रहे हैं। गाजियाबाद नगर निगम द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है "उन्होंने निजी कारणों से निगम की छवि खराब करने की कोशिश की है। अमित किशोर द्वारा अपनी शिकायत में दिखाई गई दिल्ली नंबर की गाड़ी की तस्वीर से साफ पता चलता है कि उसके टायरों में भी पानी नहीं था।" बयान में आगे कहा गया है "किसी भी विशेषज्ञ ने यह प्रमाणित नहीं किया है कि गाड़ी बारिश के पानी के जमाव के कारण खराब हुई थी। शहर में ऐसा कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है।"
Published on:
30 Jul 2025 03:10 pm