Digital Rape: दिल्ली पुलिस में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल ने एक SI पर बेटी से घिनौनी हरकत करने का आरोप लगाया है। गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब महिला हेड कॉन्स्टेबल की बेटी का मेडिकल परीक्षण और मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने की तैयारी है। महिला हेड कॉन्स्टेबल और सब इंस्पेक्टर दिल्ली पुलिस में तैनात हैं और वो गाजियाबाद में रहते हैं।
घटना दिल्ली से सटे गाजियाबाद के नंदग्राम थानाक्षेत्र की है। नंदग्राम थानाक्षेत्र में रहने वाली दिल्ली पुलिस में तैनात महिला हेड कॉन्स्टेबल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह अपने पति से अलग रहती है। उसके साथ उसकी बच्ची भी रहती है, जो मात्र तीन साल की है। तहरीर के अनुसार, महिला हेड कॉन्स्टेबल की गोविंदपुरम में रहने वाले दिल्ली पुलिस में तैनात सब इंस्पेक्टर से पुरानी जान-पहचान है। इसके चलते सब इंस्पेक्टर का उसके घर आना-जाना रहता है।
महिला हेड कॉन्स्टेबल ने अपनी तहरीर में बताया कि तीन दिन पहले सब इंस्पेक्टर उसके घर आया। इस दौरान वह बाहर गई थी। जबकि घर में उसकी तीन साल की बेटी अकेली थी। महिला कॉन्स्टेबल का कहना है कि आरोपी सब इंस्पेक्टर ने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी तीन साल की बेटी के साथ न सिर्फ अश्लील हरकतें की, बल्कि उसके साथ डिजिटल रेप किया। आरोपी की हरकतों से उसकी बेटी असहज हो गई और आरोपी से दूर भागने लगी। इसी बीच वह भी घर पहुंच गई।
महिला ने बताया कि जब उसने बेटी का सब इंस्पेक्टर के साथ अजीब बर्ताव देखा तो उसने बेटी से इसका कारण पूछा। इसपर उसकी बेटी ने उसे सारी घटना बताई। इसके बाद उसने सब इंस्पेक्टर से इसका विरोध जताया तो उसने धमकियां देनी शुरू कर दी। इस मामले में एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। इसके बाद मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए जाएंगे।
एसीपी पूनम मिश्रा का कहना है कि बच्ची की मां और आरोपी दोनों दिल्ली पुलिस में तैनात हैं। मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्य संकलन के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा। इससे दस दिन पहले भी गाजियाबाद के मोदीनगर में ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली आठ साल की बच्ची के पड़ोसी ने डिजिटल रेप किया। पड़ोसी उसे चॉकलेट दिलाने के बहाने अपने कमरे पर ले गया था। मोदीनगर पुलिस ने 27 जुलाई को उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ डिजिटल रेप करना स्वीकार किया।
दरअसल, डिजिटल रेप कोई ऑनलाइन यौन शोषण नहीं है। यह एक ऐसा अपराध है, जो प्रत्यक्ष तौर पर आरोपी और पीड़ित की मौजूदगी में होता है। डिजिटल रेप दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला डिजिट, जिसका मतलब संख्या से है। अंग्रेजी शब्दकोश में उंगली, अंगूठे और पैर की उंगली को डिजिट से संबोधित किया जाता है। यानी डिजिटल रेप से जुड़े मामलों में अंगूठे या अंगुलियों का इस्तेमाल किया जाता है। यानी यौन उत्पीड़न में डिजिट का इस्तेमाल करने के कारण इसे डिजिटल रेप कहते हैं।
साल 2013 में दिल्ली के निर्भया कांड के बाद रेप की धाराओं में संशोधन किया गया। इसमें यह कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति किसी महिला, बच्ची की इच्छा के विरुद्ध उसके गुप्तांगों को छूता है तो यह बलात्कार की श्रेणी में आएगा। ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता की धारा 63 (1)(a) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। इसके अलावा धारा 64 के तहत आरोपी को न्यूनतम 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई जा सकती है। यह सजा आजीवन कारावास में भी बदल सकती है। इसके अलावा यदि पीड़िता नाबालिग है तो पोक्सो एक्ट के तहत सेक्शन 3 और 4 के तहत न्यूनतम 20 साल से लेकर आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान है।
Updated on:
06 Aug 2025 11:15 am
Published on:
06 Aug 2025 11:14 am