Chhena Vs Paneer: भारत में दूध से बनी चीजों का खास स्थान है और छेना व पनीर इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। ये दोनों ही भारतीय रसोई में मिठाइयों और नमकीन व्यंजनों में खूब इस्तेमाल होते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को इन दोनों में असली फर्क पता नहीं होता। दोनों ही दूध से बनते हैं फिर भी इनकी बनावट स्वाद और उपयोग अलग-अलग होते हैं।आइए जानते हैं छेना और पनीर में क्या अंतर है इन्हें कैसे बनाया जाता है और इनके स्वास्थ्य से जुड़े फायदे क्या हैं।
पनीर और छेना दोनों को ही दूध को सिरका या नींबू की मदद से फाड़कर बनाया जाता है। पर दोनों के बीच फर्क ये है कि पनीर से पूरी से पानी निकाल लिया जाता है जिससे ये ड्राई हो जाता है और हाइड्रेशन की कमी हो जाती है। छेना में पनीर से ज्यादा नमी होती है। एक में पानी होता है और दूसरा बिलकुल सूखा।पनीर और छेना दोनों ही दूध से बनने वाले डेयरी प्रोडक्ट हैं लेकिन इनके स्वाद, बनावट और इस्तेमाल में बड़ा अंतर है। दूध को नींबू के रस या सिरके से फाड़कर दोनों ही बनाए जाते हैं लेकिन प्रक्रिया और टेक्सचर उन्हें अलग पहचान देते हैं।
छेना का उपयोग मुख्य रूप से मिठाइयों में किया जाता है, जैसे रसगुल्ला, संदेश या छेना पायस। इसकी मुलायम बनावट मिठाइयों में स्वाद सोखने और मनचाहा आकार देने में मदद करती है। दूसरी ओर पनीर नमकीन और मसालेदार व्यंजनों के लिए उपयुक्त है, जैसे पालक पनीर पनीर टिक्का या पनीर भुर्जी। पकाने के दौरान भी पनीर अपना आकार बनाए रखता है।
पनीर और छेना दोनों ही प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर हैं लेकिन छेना में इनकी मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। चूंकि यह ताजा और कम प्रोसेस्ड होता है इसलिए यह दिल के मरीजों डायबिटीज के रोगियों और वजन कम करने वालों के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है।अगर आप फ्रेश हेल्दी और हल्का डेयरी विकल्प चाहते हैं तो छेना चुनें लेकिन अगर आपको लंबे समय तक स्टोर करने वाला और नमकीन व्यंजनों के लिए सही विकल्प चाहिए तो पनीर बेहतर रहेगा।
Updated on:
10 Aug 2025 04:12 pm
Published on:
10 Aug 2025 03:47 pm