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3 साल से कागजों में अटके ई-चार्जिंग स्टेशन

ग्वालियर. शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। निगम भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहा है। लेकिन ई-वाहनों को चार्ज करने के लिए नगर निगम द्वारा पांच स्थानों पर बनाए जा रहे चार्जिंग स्टेशन तीन साल से कागजों में ही अटके हैं। जिन दो स्थानों पर बनाए गए हैं, वह भी शुरू नहीं […]

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3 साल से कागजों में अटके ई-चार्जिंग स्टेशन

3 साल से कागजों में अटके ई-चार्जिंग स्टेशन

ग्वालियर. शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। निगम भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहा है। लेकिन ई-वाहनों को चार्ज करने के लिए नगर निगम द्वारा पांच स्थानों पर बनाए जा रहे चार्जिंग स्टेशन तीन साल से कागजों में ही अटके हैं। जिन दो स्थानों पर बनाए गए हैं, वह भी शुरू नहीं हो पाए। इससे शहरवासियों को ई-चार्जिंग का लाभ नहीं मिल रहा। ज्यादातर वाहन घरों में ही चार्ज हो रहे हैं। वहीं प्राइवेट संस्थान द्वारा जिन तीन स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जो कि पूरी तरह से फ्री हैं। जिले में दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहन ११,१९९ और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन ३९० है।

पहले स्क्रैप विवाद में, अब एमआइसी ने अटकाए
बता दें कि 15वें वित्त की 1.79 करोड़ रुपए से चार्जिंग स्टेशन बनने थे। लेकिन तीन साल से बिजली कंपनी व नगर निगम के बीच स्क्रैप के पैसे जमा करने को लेकर चल रहा विवाद चल रहा था। जैसे-तैसे विवाद खत्म हुआ तो एमआइसी ने कमियां बताते हुए प्रस्ताव वापस कर दिया। बाद में फिर से एमआइसी ने रेट तय करने और विवाद से बचने के लिए प्रस्ताव को निगम परिषद की ओर भेज दिया है।
प्रोजेक्ट में शुरू से थीं गड़बडिय़ां
जानकारों का कहना है, लेटिस कंपनी द्वारा 2023 में डाले गए टेंडर में शुरू से ही काफी गड़बडिय़ां थीं। टेंडर प्रक्रिया में ही ज्वॉइंट वेंचर पर संबंधित के सिग्नेचर नहीं थे। आईएसओ 27001:2013 का सर्टिफिकेट नहीं था और एनेक्सर पर भी साइन नहीं थे। तमाम कमियों के बाद भी टेंडर ओपन करते हुए अफसरों ने लेटिस कंपनी को काम सौंप दिया। निगम आयुक्त के पास शिकायत पहुंची, तो जांच करने वाले अधिकारी ने भी नोटशीट पर वही कमियां लिखकर बताईं।
फिर भी मेहरबानी
उसके बाद भी अफसरों व कंपनी ने नियमों को दरकिनार कर पांच स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने के साथ ही मशीनों का इंस्टॉलेशन करा दिया और ट्रांसफार्मर रखने व विद्युत कनेक्शन के बाद कंपनी ने 20 से 22 जून तक तरण पुष्कर पर ट्रायल भी करा दिया था। लेकिन चार्जिंग स्टेशन आज तक चालू नहीं हुए हैं।

पार्किंग में 2-2, अन्य जगह 1-1 मशीन लगाईं
चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए पूर्व में सात मशीनें ग्वालियर भेजी गई थीं। इसमें मल्टीलेवल पार्किंग कम्पू मल्टीलेवल पार्किंग सालासर सिटी सेंटर में दो-दो, तरण पुष्कर सिटी सेंटर एक, क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक-1 बहोड़ापुर व कलेक्ट्रेट गेट के पास एक-एक मशीन इंस्टॉलेशन की है। जिन स्टेशन पर दो-दो मशीन लगाई वहां चार-चार गाड़ी व एक-एक स्टेशन पर दो-दो गाड़ी चार्ज हो सकेंगी।
अभी यहां लगे हैं चार्जिंग स्टेशन (जो चालू है):
सिटी सेंटर क्रोमा सेंटर के नीचे (फ्री चार्जिंग)
एम्पिरियर गोल्फ रिर्सोट (फ्री चार्जिंग)
केसरबाग (बनाया गया, लेकिन अभी बंद है)
प्रस्तावित दरें (प्रति घंटा)
बिजली कंपनी टैरिफ रेट: 7.14 रुपए
लेबर खर्चा: 4.80 रुपए
मेंटेनेंस खर्चा: 1.00 रुपए
नगर निगम को मुनाफा: 2.00 रुपए
कुल प्रति यूनिट: 15.00 रुपए (लगभग)
(नोट: 60 मिनट या 45 मिनट में वाहन चार्ज हो रहे हैं।)
हम भी चाहते हैं जल्द स्टेशन शुरू हों
15वें वित्त की योजना के तहत चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। उसको आयुक्त, एमआईसी,महापौर किसे अधिकार है इसको लेकर मांग की थी। जब पत्र नहीं मिला तो हमने अब प्रस्ताव को निगम परिषद की ओर भेजा है, जहां रेट तय के साथ अन्य कमियों सहित तमाम ङ्क्षबदू पर चर्चा की जा सकेगी। हम भी चाहते है चार्जिंग स्टेशन जल्द चालू हो।
अवधेश कौरव, एमआइसी सदस्य
जल्द बनाने के लिए कहा है
चार्जिंग स्टेशन को लेकर एमआइसी की ओर से प्रस्ताव निगम परिषद की ओर भेजा गया है। अभी दो चार्जिंग स्टेशन बनकर तैयार हो चुके हैं, तीन भी जल्द बनाने के लिए कहा गया है।
संघप्रिय, आयुक्त नगर निगम