
प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में एक जैसी यूनिफॉर्म की प्रतीकात्मक तस्वीर, मेटा एआइ
Same Uniform for Private and Government Schools: राजस्थान में सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की एक मानकीकृत यूनिफ़ॉर्म की घोषणा के कुछ दिनों बाद अब सभी स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए यूनिफॉर्म ड्र्रेस कोड लागू करने का फैसला किया गया है। नई यूनिफॉर्म के साथ स्कूल स्टाफ के लिए पहचान पत्र की भी अनिवार्यता लागू की गई है। नया ड्रेस कोड के विरोध में प्राइवेट स्कूल संगठन विरोध में उतर आए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए नई पोशाक में छात्रों के लिए ड्रेस कोड में छात्रों के लिए भूरे रंग की पैंट या हाफ पैंट और हल्के भूरे रंग की शर्ट निर्धारित की जाएगी। जबकि छात्राओं के लिए हल्के भूरे रंग का कुर्ता या शर्ट और भूरे रंग की सलवार या स्कर्ट और चुन्नी होगी। छात्रों को गुरुवार को स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से छूट मिलेगी।
शिक्षकों के लिए पुरुष को आसमानी नीले रंग की शर्ट, स्टील ग्रे रंग की पैंट और महिलाओं को आसमानी नीले रंग की साड़ी, स्टील ग्रे बॉर्डर और स्टील ग्रे ब्लाउज़ के साथ या आसमानी नीले रंग का कुर्ता, स्टील ग्रे रंग की चुन्नी और स्टील ग्रे रंग की सलवार पहनना अनिवार्य है।
नई यूनिफॉर्म और पहचान पत्र सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों पर लागू होंगे, जिनमें स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय और संस्कृत शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित स्कूल शामिल हैं। शिक्षकों और छात्रों के लिए मानकीकृत यूनिफॉर्म और पहचान पत्र संबंधी पहली बैठक अगस्त के अंतिम सप्ताह में हुई थी। बताया जा रहा है कि सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों को नई यूनिफॉर्म का खर्च स्वयं वहन करना होगा।
राजस्थान सरकार राज्य सरकार मानकीकृत यूनिफॉर्म की तैयारी कर रही है, वहीं राज्य के प्राइवेट स्कूलों के संगठन सरकार के इस फैसले का विरोध मे उतर आए हैं। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि यूनिफॉर्म कई निजी स्कूलों की पहचान का हिस्सा रही है। ऐसे में सरकार का यह निर्णय पूरी तरह अव्यवहारिक और अनुचित है। सोसाइटी फॉर अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स पदाधिकारियों का कहना है कि यूनिफॉर्म बदलने से न तो शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी और न ही राज्य के नतीजे बेहतर होंगे। प्राइवेट स्कूल संगठनों ने सरकार पर बिना किसी सलाह-मशविरा के अपनी मर्ज़ी से आदेश जारी करने का आरोप लगाया है। स्कूल संगठनों ने इस आदेश को वापस नहीं लेने पर कोर्ट में जाने की चेतावनी दी है।
Updated on:
01 Nov 2025 12:08 pm
Published on:
01 Nov 2025 12:06 pm
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