-डेढ़ दशक से फर्जी और जाली अंकतालिकाओं से कर रही थी नौकरी
-शिक्षा विभाग ने की थी जांच, महिला के खिलाफ हो चुकी है एफआइआर
dholpur, राजाखेड़ा उपखंड मुख्यालय के राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय का बेसिक में वर्षों से तैनात महिला अध्यापिका मोनी जादौन को विभाग गठित जांच समिति ने अहर्ता दस्तावेजों को शिक्षा विभाग ने जांच में फर्जी मिलने पर मोनी को राजकीय सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए।
आरोपित अध्यापिका के विरुद्ध मार्च माह में थाना राजाखेड़ा में भी इसी प्रकरण में ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी ने मामला दर्ज करवाया गया था। जिसकी अभी जांच लंबित है साथ ही विभागीय समिति भी जांच कर रही थी, जिसमें मामला पूरी तरह स्पष्ट होते ही जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय सुक्खो देवी रावत ने सेवा पृथक्करण के आदेश जारी कर दिए।
शिक्षा विभाग ने आरोपी अध्यापिका को निलंबित कर जांच होने तक उन्हें मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बाड़ी के मुख्यालय पर उपस्थित होने के आदेश दिए थे। शिक्षिका करीब डेढ़ दशक से नौकरी कर रही थी। ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया था कि लेवल वन शिक्षिका मोनी देवी पुत्री प्रेमसिंह निवासी राजाखेड़ा जो कि महात्मा गांधी विद्यालय बेसिक में कार्यरत हैं इनके दस्तावेज जनपद आगरा के शैक्षक अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक के कृटरचित तरीके से अपने निजी हित की पूर्ति कर शिक्षा विभाग राजस्थान में अध्यापिका के पद पर नौकरी प्राप्त की है।
जिसकी जांच विभागीय अधिकारियों के पूर्ण करने पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धौलपुर व जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक, प्रारम्भिक के आदेश की अनुपालना में आरोपित अध्यापिका के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए थे।
जांच हो तो और निकल सकते हैं ऐसे केस
गौरतलब है कि क्षेत्र में शिक्षा विभाग में बड़ी संख्या में अध्यापक व अध्यापिकाएं उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों के बोर्ड व यूनिवर्सिटीज के दस्तावेजों से नौकरी कर रहे हैं, लेकिन विभाग ने ऐसे कर्मियों का व्यक्तिगक्त सत्यापन नहीं करवाया है। ऐसी ही एक शिकायत को लंबे समय से उठा रहे प्रेमसिंह ठाकुर ने बताया कि विभाग अगर लंबे समय से चल रही शिकायतों की जांच गंभीरता से करे तो अन्य प्रकरण भी बड़ी संख्या में सामने आ जाएंगे।
रिश्तेदार महिला ही कर रही थी शिकायत
आरोपी शिक्षिका डेढ़ दशक से भी अधिक समय से राजकीय सेवा में थी। जिसके विरुद्ध उनके ही किसी रिश्तेदार ने कूटरचित दस्तावेजों से नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए विभाग को पूर्व में शिकायत की थी। लेकिन विभाग ने जांच के नाम पर शिकायत को दबा कर रखा हुआ था, लेकिन रिश्तेदार ने लगातार उच्चाधिकारियों व जिला कलक्टर को शिकायत के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और दस्तावेजों की जांच की तो वे फर्जी पाए गए। जिसके बाद प्रकरण दर्ज करवाया गया। हालांकि अध्यापिका के विरुद्ध सेवा प्रथकरण आदेश जारी होने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है और विद्यालयों में दिन भर इसी प्रकरण की चर्चा होती रही।
Published on:
14 Aug 2025 07:05 pm