
सीता अष्टमी 2025
Sita Ashtami 2025: सीता अष्टमी का पर्व माता सीता को समर्पित होता है और इस दिन उनके जीवन, त्याग और धैर्य का स्मरण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सीता अष्टमी पर रामचरितमानस की विशेष चौपाइयों का पाठ करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। क्योंकि मां सीता को माता लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है। सीता अष्टमी के दिन विधिवत पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सीता अष्टमी को जानकी जन्मोत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन देवी सीता का प्राकट्य हुआ था। माता सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। इसलिए इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने और रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
सीता जयंती के दिन के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माता सीता और भगवान राम की पूजा करें। घी का दीपक जलाएं और भोग अर्पित करें। रामचरितमानस की उपयुक्त चौपाइयों का श्रद्धापूर्वक पाठ करें। अंत में माता सीता की आरती करें और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
हिंदू पंचांग के अनुसार सीता अष्टमी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। साल 2025 में यह तिथि 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होकर 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार जानकी जयंती 21 फरवरी 2025 शुक्रवार को मनाई जाएगी।
आकर चारि लाख चौरासी। जाति जीव जल थल नभ बासी।।
सीय राममय सब जग जानी। करउँ प्रनाम जोरि जुग पानी।।
जनकसुता जग जननि जानकी। अतिसय प्रिय करुनानिधान की॥
ताके जुग पद कमल मनावउँ। जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥
राम भगति मनि उर बस जाकें। दु:ख लवलेस न सपनेहुँ ताकें॥
चतुर सिरोमनि तेइ जग माहीं। जे मनि लागि सुजतन कराहीं॥
अगुण सगुण गुण मंदिर सुंदर, भ्रम तम प्रबल प्रताप दिवाकर।।
काम क्रोध मद गज पंचानन, बसहु निरंतर जन मन कानन।।
कहु तात अस मोर प्रनामा। सब प्रकार प्रभु पूरनकामा ॥
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी॥
जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई।
जिनके कपट, दंभ नहीं माया, तिनके हृदय बसहु रघुराया।
सीता अष्टमी के दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से रामचरितमानस की इन चौपाइयों का पाठ करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य भी लाता है। इसलिए, इस पावन अवसर पर माता सीता की उपासना अवश्य करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
यह भी पढ़ें: कब है जानकी जयंती, जानें डेट और महात्म्य
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Published on:
20 Feb 2025 11:17 am
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग

