जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा की ओर से गांधीनगर स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित चार दिवसीय चारित्र निर्माण शिविर के शुरूआत पर साध्वी पावन प्रभा ने कहा कि बच्चों में बचपन से ही संस्कारों का सृजन होना बेहद जरूरी होता है। बच्चे हमारे संघ की नींव व जड़ होते हैं। चारित्र निर्माण शिविर के माध्यम से जड़ में पानी सींचने के लिए आए हैं। बचपन में दिए गए संस्कार ही पुष्ट, पुष्पित ,पल्लवित एवं प्रफ्फुलित होते हैं।साध्वी पुण्ययशा ने कहा कि चारित्र निर्माण शिविर नैतिक मूल्य, अनुशासन और कर्तव्य बोध देने की प्रेरणा का एक उपक्रम है। बचपन के संस्कार जीवन को सुसंस्कारी बनाने में बहुत सहयोगी एवं उपयोगी होते हैं। साध्वी मार्दवश्री एवं साध्वी मनीषा प्रभा शांतिनगर से विहार कर पहुंचीं। साध्वी मार्दवश्री ने संस्कारों एवं संस्कृति की सुरक्षा हेतु शिविरों की उपयोगिता को बताया। सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली ने स्वागत किया।समण संस्कृति संकाय के संयोजक जुगराज श्रीश्रीमाल ने जैन विद्या की सभी गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि शिविर 18 मई तक चलेगा। सभा मंत्री विनोद छाजेड़ ने कृतज्ञता ज्ञापित की। ज्ञानशाला प्रायोजक पुष्पा देवी महावीर कातरेला परिवार, रोशनलाल दिनेश राकेश पोखरणा परिवार, नितिन भीकमराज जोगड़ परिवार, रेशमादेवी दीक्षांत ललवानी परिवार रहे। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी के नमस्कार महामंत्र उच्चारण से हुआ । मंगलाचरण में जैन विद्या ज्ञानशाला के बच्चों ने प्रस्तुति दी। संचालन शिविर सह-संयोजक गौतम डोसी ने किया। इस मौके पर महासभा से प्रकाश लोढ़ा, सभा से विनय बैद, प्रकाश कटारिया, बहादुर सेठिया, पारसमल नाहर, विमल धारीवाल, हेमंत छाजेड़ आदि मौजूद थे।
Published on:
16 May 2025 07:55 pm