जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, विजयनगर की ओर से दीक्षार्थी प्रीत कोठारी के अभिनंदन समारोह में साध्वी संयमलता ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं को जानने का प्रशस्त पथ दीक्षा है। दीक्षा मांग लेना भिक्षा या प्राप्त करना उच्च स्तरीय शिक्षा नहीं है। दीक्षा सात्विक जीवन जीने की इच्छा और सत्यम शिवम सुंदरम को प्राप्त करने का सुंदर सोपान है।साध्वी मनीषप्रभा ने कहा कि अध्यात्म का राजमार्ग और शाश्वत सुखों को प्राप्त करने का स्रोत दीक्षा है। माता-पिता के संस्कार ही आज दीक्षार्थी को अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देते हैं।
साध्वी रौनक प्रभा ने कहा आज हर व्यक्ति किसी न किसी चिंता में सुख की खोज में भागता फिर रहा है। ऐसे में बाहरी चकाचौंध से बाहर निकलकर अपने अंतर मन में झांकते हुए कर्मों को तोड़ने का लक्ष्य मुमुक्षु ने बनाया है। वह अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़े।
साध्वी मार्दवश्री ने संचालन करते हुए कहा कि लोहे से स्वर्ण बनने की कसौटी दीक्षा है।
सभा अध्यक्ष मंगल कोचर ने दीक्षार्थी का परिचय दिया। महिला मंडल ने लघु नाटिका की प्रस्तुति दी। साध्वी ने तपस्वी टीना मांडोत एवं नवीन गंग की तप अनुमोदना की। राजाजी नगर सभा अध्यक्ष अशोक कोठारी, अर्हम मित्र मंडल मंत्री विनोद पारख, दिनेश पोकरणा, बिमल श्यामसुखा, राकेश दूधेडिया, महिला मंडल अध्यक्ष महिमा पटावरी ने विचार व्यक्त किए। तेयुप अध्यक्ष विकास बांठिया ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। सभा की ओर से दीक्षार्थी एवं तपस्वियों का सम्मान किया गया। मौके पर सभा के मंत्री दिनेश हिंगड़, उपाध्यक्ष बाबूलाल बोथरा, संगठन मंत्री मनोहर बोहरा आदि मौजूद थे।
Published on:
01 Aug 2025 06:45 pm