
एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन की अनिवार्यता खत्म (photo source- Patrika)
CG News: समर्थन मूल्य में धान बेचने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य है, लेकिन डुबान क्षेत्र के 1724 डूूब प्रभावित किसान, 9040 वनाधिकार पट्टाधारी, राजस्व ग्राम और असर्वेच्छितराजस्व ग्राम के किसानों को इसमें छूट दी गई है। अन्य किसानों को एग्रीस्टेक में पंजीयन कराना अनिवार्य है। पिछले साल के पंजीयन के आधार पर इनके पंजीयन को कैरिफारवर्ड कर दिया गया है।
अब डूब प्रभावित व वनाधिकार पट्टाधारी, राजस्व, असर्वेच्छित राजस्व ग्राम के किसान अन्य किसानों की तरह समर्थन मूल्य पर धान बेच सकेंगे। शासन से आदेश जारी होते ही किसानों ने राहत की सांस ली है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने 31 अक्टूबर के अंक में आज अंतिम दिन, 3000 से अधिक किसान नहीं करा पाए पंजीयन शीर्षक से सामाचार प्रकाशित किया था। सामाचार में डुबानवासी, राजस्व ग्राम और वनाधिकार पट्टाधारी किसानों की समस्या को रेखांकित किया गया था।
दरअसल एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन के लिए किसानों के पास स्वयं की कृषि भूमि, बी-1, नक्शा, खसरा आदि दस्तावेज होने चाहिए। डूब प्रभावित, राजस्व वनग्राम और असर्वेच्छित वन ग्रामों के किसानों को शासन द्वारा पट्टा दिया गया है। इन किसानों के पास एग्रीस्टेक पार्टल के लिए मांगें गए दस्तावेज नहीं थे।
ऐसे में किसान चिंतिंत थे कि उनका धान समर्थन मूल्य में बिकेगा या नहीं। क्षेत्र के किसानों ने भी ज्ञापन सौंपकर एग्रीस्टेक पोर्टल में छूट की मांग रखी थी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने इन किसानों के धान को समर्थन मूल्य में खरीदने व एग्रीस्टेक पोर्टल में छूट देने की जानकारी शासन को भेजी थी।
CG News: धान खरीदी के नोडल अधिकारी बलरामपुरी गोस्वामी ने बताया कि खरीफ वर्ष-2024-25 में 1 लाख 28 हजार 344 किसानों ने पंजीयन कराया था। इसमें से 1 लाख 23 हजार किसानों से करीब 61 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। इस साल एग्रीस्टेक में 1 लाख 18 हजार 803 किसानों ने पंजीयन कराया है। जबकि 1 लाख 23 हजार किसानों का पंजीयन कैरिफारवर्ड हुआ है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि 7690 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन तो कराया है, लेकिन उनके दस्तावेज में त्रुटि हैं। आधार कार्ड में नाम की स्पेलिंग, पता और सरनेम मिसमैच होने या अन्य कारणों से उक्त किसानों का पंजीयन कैरिफारवर्ड नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन के लिए तिथि बढ़ाने की जानकारी मिली है, लेकिन शासन से विधिवत पत्र अब तक प्राप्त नहीं हुआ
CG News: डीएमओ सुनील सिंह राजपूत ने बताया कि इस साल धान खरीदी केन्द्रों की संया में वृद्धि नहीं हुई है। 100 केन्द्रों और 74 समितियों में ही धान की खरीदी की जाएगी। 22 नई समितियां गठित करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर अभी भी प्रक्रियाधीन है। इस साल भी किसानों से धान खरीदी करने के लिए तीन तरह के टोकन की व्यवस्था की गई है।
बाहर से फर्जी धान आवक की निगरानी के लिए जिला स्तर, ब्लाक स्तर पर टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा कृषि विभाग, खाद्य विभाग की टीम भी इसकी निगरानी करेगी। धान खरीदी के लिए करीब 516000 गठान बारदाने की जरूरत पड़ सकती है। इसमें से 15000 गठान बारदाना शासन से प्राप्त हो चुका है। 16600 गठान बारदाने की और जरूरत है। वहीं मिलों में 20,000 गठान बारदाने को सत्यापित कर लिया गया है।
Updated on:
02 Nov 2025 05:34 pm
Published on:
02 Nov 2025 05:33 pm
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