Cloud Burst In Uttarkashi: उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा का कारण फिलहाल बहुत स्पष्ठ नहीं हैं। आपदा की वजह एक तरफ बादल फटना मानी जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ केदारनाथ के चौराबाड़ी ग्लेशियर फटने जैसा कारण वैज्ञानिक मान रहे हैं। मौसम विभाग ने भी इलाके में भारी बारिश से इनकार किया है।
वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों के अलग-अलग मत धराली में हुई घटना के कारणों को लेकर सामने आए हैं। मौसम विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल की माने तो कहीं भी भारी बारिश उत्तरकाशी में रिकॉर्ड में नहीं आई। थपलियाल के मुताबिक चार सेंटीमीटर तक की बारिश जिले में दर्ज की गई है। इस बारे में सूचना थपलियाल ने केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी है।
वहीं दून विवि के नित्यानंद हिमालयन रिसर्च एंड स्टडी सेंटर के प्रो. डीडी चौनियाल के मुताबिक, केदारनाथ की 2013 की आपदा जैसे हालात यहां बादल फटने के बजाय ज्यादा दिखे हैं। उन्होंने कहा कि चौराबाड़ी झील जिस तरह टूटी थी, पानी और मलबे का अचानक सैलाब आया था, धराली में भी ठीक वैसा ही दिखा है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि बादल फटने पर मलबा आने के बाद तक पानी आता है।
प्रो. चौनियाल के मुताबिक, स्थान विशेष नहीं बल्कि पूरे इलाके में बादल फटने का असर नजर आता, जो कहीं नहीं दिखा। इन दिनों ग्लेशियर के तेजी से पिघलने की बात भी उन्होंने कही। उनका कहना है कि संभव है कि कोई ग्लेशियर पिघलने से पानी और मलबा इतने फोर्स से आया हो।
प्रो. चौनियाल की माने तो काफी खतरनाक खीरगंगा का इतिहास रहा है। इसके अध्ययन के आधार पर उनका कहना है कि भागीरथी का भी रास्ता एक समय इसने आपदा में रोक दिया था।
Published on:
06 Aug 2025 11:44 am